हिरासत में यातना रोकने वाले कानून पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट आज यानी मंगलवार को हिरासत में यातना और अमानवीय बर्ताव को रोकने के लिये कानून तैयार करने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका पर नए सिरे से सुनवाई करेगा।

Update:2019-01-22 13:59 IST

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट आज यानी मंगलवार को हिरासत में यातना और अमानवीय बर्ताव को रोकने के लिये कानून तैयार करने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका पर नए सिरे से सुनवाई करेगा।

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देश की शीर्ष अदालत ने इस मुद्दे पर एक साल बाद फिर से विचार कर रही है, क्योंकि उसे बताया गया कि सरकार के आश्वासन के बावजूद इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है। सरकार ने कहा था कि वह इस मामले को पूरी गंभीरता के साथ देख रही है।

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पूर्व कानून मंत्री और कांग्रेस नेता अश्विनी कुमार ने 2016 में एक जनहित याचिका दायर की थी जिसका 27 नवंबर 2017 को निस्तारण कर दिया गया था। चूंकि, तब से कोई प्रगति नहीं हुई है इसलिये उन्होंने एक बार फिर से अदालत से संपर्क किया है। जब मामला सुनवाई के लिये आया तो अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल पिंकी आनंद ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि कुछ और समय की जरूरत होगी, क्योंकि विधेयक के मसौदे को राज्य सरकारों के पास भेजा गया है। जब पीठ ने जानना चाहा कि क्या इस विषय पर कोई प्रस्तावित मसौदा विधेयक है तो कुमार ने इसका सकारात्मक जवाब दिया।

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उन्होंने कहा कि यह संसद की प्रवर समिति के पास है। पीठ ने मामले की सुनवाई स्थगित करते हुए कहा कि मामले को संबंधित पक्षों के हलफनामे समेत सभी संबंधित रिकॉर्ड के साथ 22 जनवरी को सूचीबद्ध करें।

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