SC-ST आरक्षण पर बड़ी खबर: केंद्र की याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

बता दें कि इस केस में सर्वोच्च न्यायालय पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 2018 में कहा था कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के समृद्ध लोग यानी कि क्रीमी लेयर को कॉलेज में दाखिले तथा सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता।

Update: 2019-12-02 10:11 GMT

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि एससी/एसटी समुदाय के क्रीमी लेयर को आरक्षण के लाभों से बाहर रखने वाले 2018 के उसके आदेश को पुनर्विचार के लिए सात सदस्यीय पीठ के पास भेजा जाए।

बता दें कि इस केस में सर्वोच्च न्यायालय पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 2018 में कहा था कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के समृद्ध लोग यानी कि क्रीमी लेयर को कॉलेज में दाखिले तथा सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता।

ये भी पढ़ें— बीजेपी नेता पंकजा मुंडे ने उठाया बड़ा कदम, इस पार्टी में हो सकती हैं शामिल

इस मुद्दे पर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि एससी/एसटी की क्रीमी लेयर को आरक्षण के लाभ से बाहर रखने या न रखने के पहलू पर दो सप्ताह में विचार किया जाएगा।

गौरतलब है कि समता आंदोलन समिति और पूर्व आईएएस अधिकारी ओ पी शुक्ला ने नई याचिका दायर की है। एक जनहित याचिका में एससी/एसटी की क्रीमी लेयर की पहचान के लिए तर्कसंगत जांच करने और उन्हें एससी/एसटी की नॉन क्रीमी लेयर से अलग करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस केस को आखिर सात सदस्यीय पीठ को ट्रांसफर करती है या नहीं।

ये भी पढ़ें—ट्रिपल तलाक: पीड़िता के आत्मदाह की कोशिश के बाद जागी पुलिस, दर्ज किया केस

Tags:    

Similar News