बारिश में सब खत्म! न पुल-न सड़क, बच्चों ने किया ऐसा अनोखा विरोध

एमपी में भीषण बारिश का कहर इतना हुआ है कि वहां के लोगों का हाल बेहाल है। लोग अपने काम पर जाने में सोच रहे हैं और तो और बच्चे स्कूल भी नहीं जा पा रहे है। लेकिन फिर भी स्कूली छात्र-छात्राओं ने विरोध का अनोखा तरीका निकाला है।

Update: 2023-04-21 16:12 GMT

भोपाल: एमपी में भीषण बारिश का कहर इतना हुआ है कि वहां के लोगों का हाल बेहाल है। लोग अपने काम पर जाने में सोच रहे हैं और तो और बच्चे स्कूल भी नहीं जा पा रहे है। लेकिन फिर भी स्कूली छात्र-छात्राओं ने विरोध का अनोखा तरीका निकाला है। मामला बैतूल जिले के उती गांव का है जहां स्कूल जाने के लिए सड़क और पुल ना होने से बच्चों ने 'सड़क नहीं तो साइकिल नहीं' का नारा बुलंद कर सरकारी साइकिलों को वापस करने का फैसला किया है।

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रोज 2 से 3 किलोमीटर जाना पड़ता है पैदल

आपको बता दें, पुल और सड़क न होने से तंग स्कूली बच्चे रोज 2 से 3 किलोमीटर का सफर पैदल और कमर तक पानी में जोखिम उठाकर तय करते हैं। इससे परेशान होकर बच्चों ने शिक्षा विभाग की तरफ से मिली साइकिल वापस करने का फैसला किया है। आपको बता दें, सरकारी स्कूलों में बच्चे समय पर स्कूल पहुंच सके इसके लिए सरकार ने स्कूली स्टूडेंट्स को साइकिल बांटी थी, लेकिन जब साइकिल चलाने के लिए सड़क ही ना हो तो साइकिल का क्या करेंगे।

50 स्कूली स्टूडेंट्स ने वापस की साइकिल

ग्राम पंचायत उती के रहने वाले 50 स्कूली स्टूडेंट्स, सरकार की तरफ से दी गई साइकिलें वापस करने कलेक्ट्रेट पहुंच गए। उन्होंने बताया कि वो समय पर स्कूल पहुंचने के लिए साइकिल लेकर घर से तो निकलते हैं लेकिन सड़क नहीं होने से ज्यादातर दिन स्कूल लेट पहुंचते हैं। वहीं गांव के बाहर नदी में पानी का बहाव तेज होने पर कई बार बच्चों को स्कूल पहुंचने के लिए अपनी जान तक दांव पर लगानी पड़ रही है और इसलिए कलेक्ट्रेट में साइकिल वापस करने आए हैं।

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वहीं, स्टूडेंट्स के इस अनोखे विरोध प्रदर्शन ने प्रशासन के भी कान खड़े कर दिए। जिला पंचायत सीईओ एमएल त्यागी ने स्कूली छात्रों के प्रदर्शन पर बोला है कि मामला संज्ञान में आया है। इसका परीक्षण किया जाएगा और स्कूल के मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बात की जाएगी ताकि बच्चों की समस्या का जल्द ही कुछ समाधान निकाला जाए।

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