India-Pakistan order: गणतंत्र दिवस से पहले, भारत-पाक सीमा पर 15 दिनों का अलर्ट; 'ऑपरेशन सर्द हवा' से निगरानी

India-Pakistan border: गणतंत्र दिवस 2024 के अवसर पर, राजस्थान से लगी भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने सख्त निगरानी और बढ़ा दी है।

Written By :  Aakanksha Dixit
Update:2024-01-16 14:00 IST

BSF Operation Sard Hawa source : newstrack 

Operation Sard Hawa : गणतंत्र दिवस 2024 के अवसर पर, राजस्थान से लगी भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने सख्त निगरानी और बढ़ा दी है। इस महीने, देश में दो महत्वपूर्ण आयोजन होने वाले हैं। पहला 22 जनवरी को यूपी के अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम। दूसरा 26 जनवरी जब देश में गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा। इन दोनों ही आयोजनों के लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। सबसे बड़ी चुनौती सुरक्षा के क्षेत्र में है, जिसमें पाकिस्तानी आतंकवादियों की किसी भी ख़तरनाक कोशिश को नाकाम करना है। जवानों के साथ, अधिकारी भी सीमाओं पर पहरेदारी में शामिल होंगे। वर्तमान में, सामान्य दिनों की तुलना में, बीएसएफ ने सीमा पर 50% से अधिक सिपाहियों को तैनात कर दिया है।

ऑपरेशन सर्द हवा

गणतंत्र दिवस से पहले, भारत-पाक सीमा पर 15 दिनों का अलर्ट घोषित किया गया है। इस विशेष अलर्ट को सीमा सुरक्षा बल, या बीएसएफ, ने जारी किया है, और इसे 'ऑपरेशन सर्द हवा' का नाम दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, और गुजरात की सीमाओं पर अलर्ट जारी किया है। इसका उद्देश्य किसी भी आतंकी हमले से निपटना है। हर साल गणतंत्र दिवस के आसपास, भारत-पाकिस्तान सीमा पर लगभग 10 दिनों तक विशेष अलर्ट जारी किया जाता है। हालांकि, इस बार, 22 जनवरी को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के कारण, इसे 15 दिनों के लिए बढ़ा गया है।

इन खतरों की है आशंका

कुछ खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, इस वर्ष 26 जनवरी को भारत-पाकिस्तान सीमा पर 6 तरह के खतरों की संभावना है। पाकिस्तान रेंजर्स और आईएसआई आतंकवादी भारत में घुसपैठ करने की कोशिश में जुटे हैं। पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी संगठन द्वारा प्री-प्रोग्राम्ड ड्रोन का उपयोग करके भारत में चीन निर्मित हथियार और ड्रग्स भेजे जा रहे हैं। इसमें पाकिस्तान रेंजर्स और आईएसआई भी शामिल हैं। इनका उद्देश्य गणतंत्र दिवस पर अशांति फैलाना है। इसके लिए, आईएसआई की सहायता से, तस्करों और ड्रोन का उपयोग करके पंजाब और राजस्थान में खालिस्तानी समर्थकों तक हथियार पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। यह भी बताया गया है कि लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी 26 जनवरी से पहले गुजरात के रास्ते से देश में घुसपैठ कर सकते हैं।

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