शिवसेना ने नहीं दिया कांग्रेस का साथ, CAB पर किया मोदी सरकार का समर्थन

लोकसभा में आज गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल पेश किया तो कांग्रेस के साथ तृणमूल कांग्रेस के साथ कई विपक्षी पार्टियों ने नागरिकता संशोधन बिल का विरोध किया और इसे संविधान के खिलाफ बताया। विरोध के बाद भी बिल को पेश करने के लिए लोकसभा में मतदान कराना पड़ा और बिल पेश करने के पक्ष में 293 व विरोध में 82 वोट पड़े।

Update: 2019-12-09 14:11 GMT

नई दिल्ली: लोकसभा में आज गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल पेश किया तो कांग्रेस के साथ तृणमूल कांग्रेस के साथ कई विपक्षी पार्टियों ने नागरिकता संशोधन बिल का विरोध किया और इसे संविधान के खिलाफ बताया। विरोध के बाद भी बिल को पेश करने के लिए लोकसभा में मतदान कराना पड़ा और बिल पेश करने के पक्ष में 293 व विरोध में 82 वोट पड़े। इस मतदान में शिवसेना ने सहयोगी कांग्रेस के खिलाफ जाकर मोदी सरकार का समर्थन किया।

 

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इसे लेकर सरकार और विपक्ष में जमकर नोंकझोक भी हुई। सदन में बिल पेश करने पर वोटिंग हुई जिसमें महाराष्ट्र में कांग्रेस की सहयोगी शिवसेना ने भी इसके पक्ष में वोटिंग की। पक्ष में कुल 293 और विपक्ष में 82 वोट पड़े। इससे पहले शिवसेना ने सामना के जरिए सरकार को इस बिल को लेकर सुझाव भी दिया है। शिवसेना ने कहा है कि बाहरी लोगों को नागरिकता तो दी जाए, लेकिन 30 सालों तक मतदान करने का अधिकार न हो।

शिवसेना का बिल को पेश करने के पक्ष में वोटिंग करना अहम है क्योंकि हाल में उसने महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई है। उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी के समर्थन से सीएम पद संभाला है। बिल पेश करने से पहले ही शिवसेना के रुख को लेकर तमाम कयास लग रहे थे। लेकिन वोटिंग के बाद उसका रुख साफ हो गया। कांग्रेस इस बिल का पुरजोर विरोध कर रही है।

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आज लोकसभा में इस बिल को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी सहित विपक्ष के कई नेताओं ने इसका विरोध किया। चौधरी ने कहा कि ये बिल अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसका विरोध करते हुए कहा कि ये संविधान के खिलाफ है। अब लोकसभा में बिल का पास होना तय है क्योंकि भाजपा के पास 303 सांसद हैं।

शिवसेना के इस रुख का पार्टी प्रवक्ता संजय राउत ने अपने ट्वीट से भी समर्थन किया। संजय राउत ने ट्वीट कर कहा कि अवैध नागरिकों को देश से बाहर करना चाहिए, साथ ही हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता भी दी जानी चाहिए, लेकिन उन्हें वोटिंग का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए। संजय राउत ने इस मसले पर अमित शाह से भी सवाल किया।

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