Opposition Meeting की बैठक में हिस्सा लेंगे 24 दल, आठ नई पार्टियों का समर्थन, सोनिया गांधी भी पहुंचेगी बेंगलुरू
Opposition Meeting Update: पटना की बैठक के बाद विपक्षी दलों का कुनबा और मजबूत हुआ है और बेंगलुरु की बैठक में 24 दलों के प्रतिनिधियों के हिस्सा लेने की संभावना है।
Opposition Meeting Update: विपक्षी दलों की पटना में हुई बैठक के बाद अब सबकी निगाहें बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को होने वाली बैठक पर लगी हुई हैं। इस दो दिवसीय बैठक को विपक्षी दलों की एकजुटता के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पटना की बैठक के बाद विपक्षी दलों का कुनबा और मजबूत हुआ है और बेंगलुरु की बैठक में 24 दलों के प्रतिनिधियों के हिस्सा लेने की संभावना है।
2024 की सियासी जंग में भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए के खिलाफ मजबूत मोर्चा बनाने की कोशिशों को आठ नए दलों का समर्थन हासिल हुआ है। जानकारों का कहना है कि बेंगलुरु में होने वाली बैठक में कांग्रेस संसदीय दल के अध्यक्ष सोनिया गांधी भी हिस्सा लेंगी। सोनिया गांधी का इस बैठक में हिस्सा लेना सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
कांग्रेस ने सभी दलों को भेजा आमंत्रण
भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों की एकजुटता की इस मुहिम को मजबूत बनाने के लिए कांग्रेस ने सक्रियता बढ़ा दी है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी दलों के नेताओं को बेंगलुरु की बैठक में हिस्सा लेने के लिए निमंत्रण पत्र भेजा है। इस पत्र में खड़गे ने पटना में हुई बैठक को काफी कामयाब बताते हुए कहा है कि पटना बैठक के दौरान लोकतांत्रिक राजनीति को खतरे में डालने वाले विभिन्न मुद्दों पर महत्वपूर्ण बातचीत हुई थी। पटना बैठक के दौरान हम सभी ने एकजुट होकर अगला आम चुनाव लड़ने पर सहमति जताई थी।
उन्होंने विपक्षी दलों के नेताओं से बंगलुरु की बैठक में हिस्सा लेने की अपील करते हुए कहा कि हम बेंगलुरु में विभिन्न दलों के नेताओं के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए उत्सुक हैं। खड़गे ने पत्र में 17 जुलाई की शाम होने वाले रात्रि भोज का जिक्र करते हुए कहा कि 18 जुलाई को विपक्षी एकजुटता से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गहराई से मंथन किया जाएगा।
इन आठ नए दलों ने दिया समर्थन
पटना की बैठक के बाद विपक्षी दलों का कुनबा और मजबूत हुआ है। जानकार सूत्रों का कहना है कि बेंगलुरु में होने वाली बैठक में 24 राजनीतिक दलों के नेता हिस्सा लेंगे। इस बैठक के दौरान भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने का खाका तैयार किया जाएगा। बेंगलुरु के बैठक के दौरान जिन नए राजनीतिक दलों के हिस्सा लेने की संभावना है उनमें मरूमलारची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके), कोंगु देसा मक्कल काची (केडीएमके), विदुथलाई चिरुथिगल काची (वीसीके), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी),ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), केरल कांग्रेस (जोसेफ), और केरल कांग्रेस (मणि) शामिल हैं।
2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान एसडीएमके और केडीएमके भाजपा के सहयोगी दल थे। जानकारों का कहना है कि इन दलों की भागीदारी से विपक्षी एकजुटता की मुहिम को और ताकत मिलेगी।
बेंगलुरु बैठक में हिस्सा लेंगी सोनिया
बेंगलुरु के इस महत्वपूर्ण बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी हिस्सा लेंगी। पटना में गत 23 जून को ही बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने हिस्सा लिया था मगर सोनिया गांधी बैठक में हिस्सा लेने के लिए नहीं पहुंची थीं। अब उनका बेंगलुरु बैठक में हिस्सा लेना तय माना जा रहा है। बैठक में सोनिया गांधी की हिस्सेदारी के जरिए कांग्रेस यह साबित करने की कोशिश में जुटी हुई है कि वह विपक्षी एकजुटता की इस मुहिम को कितना अहमियत दे रही है।
कई राज्यों में बढ़ी खींचतान
इससे पूर्व विपक्षी दलों के नेताओं की पटना में 23 जून को बैठक हुई थी। बैठक के बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सभी दलों के नेताओं ने भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने का ऐलान किया था। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर पटना में बैठक का आयोजन किया गया था और अब अगली बैठक कांग्रेस शासित राज्य में होने जा रही है। वैसे पटना की बैठक के बाद कई राज्यों में विपक्षी दलों के बीच खींचतान भी बढ़ती हुई नजर आ रही है।
महाराष्ट्र में एनसीपी के मुखिया शरद पवार के खिलाफ उनके भतीजे अजित पवार ने बगावत कर दी है। दिल्ली में मोदी सरकार की ओर से अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के संबंध में लाए गए अध्यादेश के मुद्दे पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच टकराव बढ़ गया है। उधर बिहार में भी राजद और जदयू के बीच तनातनी बढ़ने की खबरें हैं। अब ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि बेंगलुरु की बैठक के दौरान भाजपा के खिलाफ एकजुट मोर्चा बनाने की मुहिम को कहां तक कामयाबी मिल पाती है।