पूर्व PM इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर, सोनिया गांधी समेत इन नेताओं ने दी श्रद्धांंजलि
इंदिरा गांधी भारत की पहली सशक्त महिला प्रधानमंत्री थीं, जिनके बुंलद हौसले के आगे सारी दुनिया घुटने टेक देती थी और इसी वजह से उन्हें 'आयरन लेडी' के नाम से भी पुकारा जाता था
नई दिल्ली: आज यानि 31 अक्टूबर को देश की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 35वीं पुण्यतिथि है। आज के दिन इंदिरा गांधी इस दुनिया को अलविदा कह गई थी। आज उनके पुण्यतिथि के मौके पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत अन्य कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली में मौजूद शक्ति स्थल पर जाकर उनको श्रद्धांजलि दी है।
राहुल गांधी ने दी श्रद्धांजलि
इंदिरा की पुण्यतिथि के मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट किया। ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि, 'आज मेरी दादी श्रीमती इंदिरा गांधी जी का बलिदान दिवस है। आप के फौलादी इरादे और निडर फैसलों की सीख हर कदम पर मेरा मार्गदर्शन करती रहेगी। आपको मेरा शत् शत् नमन।'
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पीएम मोदी ने करा ट्वीट
इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोशल मीडिया पर ट्वीट करके उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी है। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, देश की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि।
पहली सशक्त महिला प्रधानमंत्री
इंदिरा गांधी भारत की पहली सशक्त महिला प्रधानमंत्री थीं, जिनके बुंलद हौसले के आगे सारी दुनिया घुटने टेक देती थी और इसी वजह से उन्हें 'आयरन लेडी' के नाम से भी पुकारा जाता था। उनके कार्यकाल के दौरान ही भारत ने पहली बार अंतरिक्ष में अपना झंडा स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा के तौर पर फहराया था।
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पिता की मृत्यु के बाद चुना राजनीति
इंदिरा गांधी का सक्रिय राजनीति में आना काफी समय के बाद हुआ। इंदिरा गांधी ने अपने पिता जवाहरलाल नेहरु के निधन के बाद ही राजनीति में आने का फैसला किया। उन्होंने पहली बार प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल के दौरान सूचना और प्रसारण मंत्री का पद संभाला था। फिर लाल बहादुर शास्त्री के निधन के बाद उन्हें देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया।
जब खुद के ही अंगरक्षकों ने की हत्या
इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री के रूप में राजनीतिक हठ और सत्ता के अभूतपूर्व केंद्रीकरण के लिए जानी जाती थीं। इंदिरा गांधी ने 1966 से 1977 के बीच लगातार तीन बार देश की बागडोर अपने हाथ में ली। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान 1975 से 1977 के बीच आपातकाल के साथ कई महत्वपूर्ण राजनीतिक फैसले लिये। साल 1980 में एक बार फिर से वो इस पद पर पहुंचीं। साल 1980 में इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार में स्वर्ण मंदिर में सैन्य कार्रवाई करने का आदेश दिया था, जिस वजह से साल 1984 में 31 अक्टूबर की सुबह उनके ही अंगरक्षकों ने उनकी हत्या कर दी।
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