जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जे पर ब्लॉग को लेकर उमर ने जेटली की आलोचना की
नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने का केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली द्वारा समर्थन किए जाने पर शुक्रवार को कहा कि इस तरह की बात भारत में इस राज्य को शामिल किए जाने पर सवाल खड़े करेगी।
श्रीनगर: नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने का केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली द्वारा समर्थन किए जाने पर शुक्रवार को कहा कि इस तरह की बात भारत में इस राज्य को शामिल किए जाने पर सवाल खड़े करेगी।
उमर ने संवाददाताओं से कहा कि भाजपा और इसके नेतृत्व को इस मुद्दे पर फूंक - फूंक कर कदम रखना चाहिए और नियम एवं शर्तों पर फिर से बातचीत नहीं की जा सकती।
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नेकां उपाध्यक्ष ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यदि आप अनुच्छेद 370 और ‘अनुच्छेद 35 ए’ पर बहस करना चाहते हैं, तो मुझे माफ कर दीजिए। विलय (जम्मू कश्मीर के) पर भी सवाल उठेगा क्योंकि यह इन्हीं शर्तों पर हुआ था।’’
गौरतलब है कि संविधान का अनुच्छेद 370 जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करता है, जबकि ‘अनुच्छेद 35 ए’ राज्य विधानमंडल को राज्य के स्थायी बाशिंदों और उनके विशेष अधिकारों तथा विशेषाधिकारों को परिभाषित करने की शक्ति देता है।
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राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा और उसकी पहचान गंभीर खतरे में है। यह कोई नया खतरा नहीं है, बल्कि विशेष तौर पर 2015 से है जब भाजपा ने राज्य में (गठबंधन) सरकार बनाई थी।
उन्होंने दावा किया कि जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा पर बृहस्पतिवार को जेटली का एक ब्लॉग इस बात का सबूत है कि भाजपा और उसके नेता इस राज्य के बारे में जो सोच रहे हैं वह सही नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि मोदी ने राज्य के हालात को अच्छी तरह से समझा होता तो...हम कहीं अधिक विकास कर लेते।
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उन्होंने कहा कि यह एक गलत धारणा फैलाई जा रही है कि ये दोनों अनुच्छेद सिर्फ कश्मीर के मुसलमानों को फायदा पहुंचा रहे हैं। तथ्य यह है कि राज्य को मिले विशेष दर्जे से न सिर्फ कश्मीर घाटी, बल्कि जम्मू और लद्दाख क्षेत्रों को भी संरक्षण प्राप्त है।
(भाषा)