धारा 370 हटने के बाद कश्मीर की स्थिति, RTI की रिपोर्ट ने खोली आंकड़ों की पोल

कश्मीर से 370 हटने के बाद पत्थरबाजी और कानून व्यवस्था पर काबू पाने में कामयाबी मिली है। लेकिन गृह मंत्रालय के ही आंकड़े बताते हैं कि 370 हटने के बाद कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं में जबरदस्त इजाफा हुआ है।

Update: 2020-01-05 15:55 GMT

नई दिल्ली: कश्मीर से 370 हटने के बाद पत्थरबाजी और कानून व्यवस्था पर काबू पाने में कामयाबी मिली है। लेकिन गृह मंत्रालय के ही आंकड़े बताते हैं कि 370 हटने के बाद कश्मीर में पत्थरबाजी की घटनाओं में जबरदस्त इजाफा हुआ है। सरकार और पुलिस यह कहकर अपनी पीठ थपथपा रही है। कहा जाए कि 370 हटने के पहले 8 महीनों में हुई पत्थरबाजी की घटनाओं में इसके बाद दोगुना इजाफा हो गया।

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गृह मंत्रालय ने आरटीआई के जवाब में बताया है कि जनवरी 2019 में 56 बार पत्थरबाजी हुई जबकि, फरवरी में 103, मार्च 79, अप्रैल 224, मई 257, जून 58, जुलाई 26, अगस्त 658, सितंबर 248, अक्तूबर 203, नवंबर में 84 बार पत्थरबाजी हुई। साल के पहले आठ महीने में 803 बार पत्थरबाजी की घटनाएं हुईं। जबकि इसके बाद चार महीनों में 1193 बार पत्थरबाजी हुई है।

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बता दें कि हाल ही में जेके पुलिस के मुखिया दिलबाग सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि बीते साल में पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी आई है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। 370 हटने के बाद सीमा पर सीजफायर भी जमकर टूटा है। पिछले पांच महीने में हर दिन औसत 10 बार सीजफायर टूटा है। जनवरी में 216 बार सीजफायर टूटा जबकि फरवरी में 251 बार, मार्च 275, अप्रैल 240, मई 238, जून 190, जुलाई 314, अगस्त 323, सितंबर 308, अक्तूबर 398, नवंबर 333 बार सीजफायर टूटा। 4 अगस्त को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को समाप्त किया गया था। इसके बाद तो हर महीने ही पाकिस्तान ने दिन में 10 बार सीजफायर तोड़ा है। हालांकि सेना के आंकड़े कहते हैं कि बीते साल एलओसी पर 2400 बार सीजफायर तोड़ा गया है।

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