Sukesh Chandrashekhar: सुकेश चंद्रशेखर यानी आज का सुपर नटवरलाल!
Sukesh Chandrashekhar: सुकेश चंद्रशेखर उर्फ बालाजी एक शातिर आर्टिस्ट है । इसकी खासियत रही है लोगों को उनका काम कराने का झांसा देना और बदले में पैसा ऐंठना।
Sukesh Chandrashekhar: वर्ष 2020 में सुकेश चंद्रशेखर चेन्नई में एक शानदार जीवन जी रहा था। समुद्र के सामने का बंगला, फेरारी और पोर्श समेत शानदार कारों का एक बेड़ा और एक पत्नी तथा कई गर्लफ्रेंड्स। अब 31 वर्ष की उम्र में सुकेश तिहाड़ जेल में बन्द है। उसपर कम से कम 15 मुकदमे हैं। वह एक सुपर नटवरलाल है जिसने न जाने कितने लोगों को ठगा है। जब वह किसी बड़े बिजनेसमैन को जेल और कानूनी जाल से छुड़ाने के लिए 200 करोड़ रुपये ठग सकता है तो उसका शातिराना अंदाज़ और फितरत आप आसानी से समझ सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं कि उसका धंधा बन्द हो गया है। सुकेश पर तिहाड़ जेल के भीतर से वसूली धंधा चलाने का भी आरोप है , जिसमें कुछ जेल अधिकारी नप चुके हैं।
सुकेश चंद्रशेखर उर्फ बालाजी एक शातिर आर्टिस्ट है । इसकी खासियत रही है लोगों को उनका काम कराने का झांसा देना और बदले में पैसा ऐंठना। वैसे ये धंधा कई लेवल पर बहुत से लोग करते आये हैं । लेकिन सुकेश छोटे मोटे टारगेट नहीं पकड़ता था। उसके टारगेट सुपर रिच होते थे, जो सौ-पचास करोड़ देने में भी न हिचकें। सुकेश की दर्जनों पहचान रही हैं। वह अपने आप को साउथ के बड़े बड़े नेताओं का पुत्र या करीबी रिश्तेदार बताता था। लोग कहते हैं कि उसमें एक जबर्दस्त सम्मोहन और सुपर कॉन्फिडेंस है,जो किसी फिल्मी किरदार से कम नहीं है। तभी तो अन्नाद्रमुक के बड़े नेता दिनकरन भी उसे करोड़ों रुपये दे बैठे थे।सुकेश ने रैनबैक्सी के पूर्व मालिक सुखविंदर सिंह को ईडी से बचाने और जेल से रिहा कराने के लिए उसकी पत्नी से 200 करोड़ रुपए ठगे थे। सुकेश चंद्रशेखर पर इसी तरह से 100 से अधिक लोगों को धोखा देने का आरोप है।
निम्न मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ जन्म
सुकेश का जन्म बेंगलुरु में एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उसके पिता विजयन चंद्रशेखर चाहते थे कि वह अच्छी तरह से पढ़ाई करे। सुकेश ने मदुरै विश्वविद्यालय से 12वीं कक्षा पूरी की और आगे की पढ़ाई नहीं की।उसने जल्द ही रियल एस्टेट क्षेत्र में काम करना शुरू कर दिया।
लेकिन सुकेश चंद्रशेखर को शुरुआत से करोड़पति बनने का सपना था। उसे दौलत चाहिए थी, चाहे जैसे भी मिले। 17 साल की उम्र में उसने इसी तमन्ना के चलते अपराध की अंधेरी दुनिया में कदम रख दिया। सुकेश ने लोगों को धोखा देने का रास्ता चुना। सुकेश बात करने में काफी चपल था और बड़े कॉन्फिडेंस से लच्छेदार बातें कर लोगों को प्रभावित कर लेता था, सो उसने फोन पर वरिष्ठ सरकारी अधिकारी बनकर लोगों को ठगने का रास्ता अख्तियार किया। 2007 तक, मात्र 18 साल का होने से पहले, उसने सरकारी अफसर बनकर 100 से अधिक लोगों को ठग लिया था। लेकिन वह जल्द ही बेनकाब हो गया। 2007 में सुकेश चंद्रशेखर को गिरफ्तार किया गया। सुकेश उर्फ बालाजी को सबसे पहले बेंगलुरु पुलिस ने बेंगलुरु विकास प्राधिकरण में धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार किया था। यह उसके जीवन में पहली गिरफ्तारी थी।
सुकेश ने बैंगलोर-चेन्नई में ड्रैग बाइक रेसर के रूप में भी लोगों को ठगा। वह टॉप एंड बाइक को ट्रायल के बहाने लेकर फरार हो जाता था। कई बाइक शोरूम मालिक उसके जाल में फंसे थे।
भले ही लोग सुकेश के बारे में जैकलीन फर्नांडीज और नोहा फतेही के चलते जान रहे हों । लेकिन कि चेन्नई और बंगलुरू के वकील और पुलिस उसे 15 साल से जानती है। सुकेश ने शुरुआती दिनों में मर्सिडीज की टॉप मॉडल कारों को लीज़ पर देने का धंधा शुरू किया था। वह इन कारों में सवार हो कर और खुद को किसी मंत्री का पुत्र होने का दावा करके लोगों को धोखा देता था।
सुकेश लोगों पर धाक जमाने के लिए हमेशा चार-पांच लोगों को साथ लेकर चलता था। वह टॉप सोसाइटी में लक्ज़री अपार्टमेंट्स लीज पर लेता था। ऐसे अपार्टमेंट जिनका किराया 75,000 से 2 लाख प्रति माह होता था। फिर वह 5-6 महीने के पट्टे के लिए कुछ भी भुगतान नहीं करता और इस दौरान लोगों से ठगी करता। लोग उसके अपार्टमेंट, कार और चेले चापड़ की भीड़ देख कर उसके फेर में फंस जाते थे।
कन्नड़ अभिनेत्री रम्या से ऐसे हुई थी मुलाकात
सुकेश में गजब का कॉन्फिडेंस था। वह कन्नड़ अभिनेत्री रम्या (दिव्य स्पंदना) से यूबी सिटी स्थित एक फ्रांसीसी कैफे में मिला। उसने राम्या से कहा कि वह एक गंभीर बीमारी से पीड़ित है और उसकी ख्वाहिश राम्या के संग खाना खाने और फोटो खिंचवानी की है। अभिनेत्री को उस पर दया आई और उसके साथ ब्रंच करने के लिए सहमत हो गई। सुकेश ने ऐसे ही कई अभिनेत्रियों के साथ फोटो खिंचवाईं और ऐसी फर्जी तस्वीरों से कई लोगों को ठगा। वह किसी तरह मशहूर हस्तियों को अपने साथ तस्वीरें लेने के लिए मना लेता था।
वह अपने फोन पर नयनतारा या असिन या सलमान खान या पुलिस आयुक्त या विधानसभा सचिव आदि जैसी हस्तियों की तस्वीरों के साथ फर्जी फोन नंबर स्टोर करता था - ताकि अगर कोई पुलिस वाला उसका फोन जब्त कर लेता है - तो वह ऐसे वीआईपी नाम देखेगा और उसे छोड़ देगा। ऐसा कई बार हुआ भी। सुकेश तमिलनाडु में आमतौर पर लालबत्ती वाली कार में चलता था। वहकभी अपने को करुणानिधि का पोता, एमके अलागिरी का दामाद, टीआर बालू का बेटा, या के. अनबझगन, करुणाकर रेड्डी और कर्नाटक के पूर्व मुख्य सचिव सुधाकर राव के पोते के रूप में पेश करता था। इतना ही नहीं, उसने खुद को वाईएसआर रेड्डी का भतीजा और बीएस येदियुरप्पा का सचिव बताकर कई लोगों को ठगा है। एक बार उसने अपने एक दोस्त को कुमारस्वामी के बेटे के रूप में पेश किया था।
2011 में चेन्नई में केनरा बैंक को धोखा देने के आरोप
सुकेश और उसकी प्रेमिका लीना मारिया पॉल को 2011 में चेन्नई में केनरा बैंक को धोखा देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह जमानत पर बाहर आया लेकिन अपने तरीके नहीं बदले।
सुकेश भले ही अब तिहाड़ में बन्द है । लेकिन वहां से उसका क्या जालबट्टा चल रहा है, कोई कुछ नहीं कह सकता। मुमकिन है कि वह बड़े बड़े लोगों को ब्लैकमेल करने और वसूली करने का धंधा चला रहा हो। तिहाड़ में उससे मिलने कुछ छोटी अभिनेत्रियों का जाना इसी ओर इशारा करता है।
लेकिन सुकेश की कहानी हमारे समाज और सिस्टम की एक काली असलियत भी बयां करती है। लोग अपना काम कराने के लिए जायज और कानूनी प्रोसीजर का रास्ता अख्तियार करने की बजाय नटवरलालों पर भरोसा करते हैं। क्योंकि वे जानते हैं कि काम इसी तरह बनते हैं।