आर्टिकल 370 पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी, मामले की सुनवाई अक्टूबर में

प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के द्वारा 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने वाले संविधान संशोधन किया गया था। तभी से वहां के अलगाववादी नेता व कई लोगों ने संविधान में हुए इस संशोधन को चुनौती दी थी।

Update: 2019-08-28 03:34 GMT

नई दिल्ली: सर्वोच्च अदालत में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 कमजोर किए जाने के खिलाफ 14 याचिकाओं पर सुनवाई हुई। इनमें कुछ याचिका कश्मीर में लगी पाबंदियों को हटाने के लिए भी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। साथ ही इस मामले की सुनवाई अब संविधान पीठ अक्टूबर में करेगी।

प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के द्वारा 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने वाले संविधान संशोधन किया गया था। तभी से वहां के अलगाववादी नेता व कई लोगों ने संविधान में हुए इस संशोधन को चुनौती दी थी।

SC में सुनवाई आज...

खबर है कि आज सुप्रीम कोर्ट में इन सभी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। मसले से जुड़ी 10 से ज़्यादा याचिकाएं सुनवाई के लिए लगी हैं। इनमें अनुच्छेद 370 को बेअसर करने वाले संविधान संशोधन को गलत बताया गया है।

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ये याचिका भी सुनवाई की लिस्ट में...

बता दें कि विधानसभा के प्रस्ताव के बिना राज्य को 2 हिस्सों में बांटने को भी अवैध कहा गया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एस ए बोबड़े और एस अब्दुल नज़ीर की बेंच इसके साथ ही राज्य में धारा 144 लगाने, मोबाइल-इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी, जिससे स्थानीय लोगों को कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।

ऐसे ही तमाम दिक्कतों पर भी आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगी। सीपीएम नेता यूसुफ तारिगामी को हिरासत में रखे जाने के खिलाफ उनकी पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी की याचिका भी सुनवाई की लिस्ट में है।

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केंद्र सरकार द्वारा किये गए बदलावों को चुनौती...

अनुच्छेद 370 रद्द करने के फैसले के खिलाफ याचिका अधिवक्ता एमएल शर्मा ने दायर की है, जबकि नेशनल कांफ्रेंस सांसद मोहम्मद अकबर लोन और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) हसनैन मसूदी ने जम्मू कश्मीर के संवैधानिक दर्जे में केंद्र द्वारा किये गए बदलावों को चुनौती दी है।

पूर्व आईएएस ने भी चुनौती...

पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल, जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला रशीद और राधा कुमार जैसे प्रख्यात हस्तियों सहित अन्य भी इसमें शामिल हैं।

केन्द्र सरकार ने पांच अगस्त जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाने और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केन्द्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला किया था।

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