Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट की एमपी-एमएलए कोर्ट को नसीहत- सजा सुनाते वक्त थोड़ा ध्यान रखें
Supreme Court: हाल ही में राहुल गांधी को दो साल की सजा के बाद उनकी सद्स्यता खत्म हो गई, ऐसे समय में यह टिप्पणी अहम मानी जा रही है।;
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट की एमपी एमएलए कोर्ट को सलाह दो साल से अधिक सजा सुनाते वक्त थोड़ा ध्यान दें। क्योंकि दो साल से अधिक की सजा सुनाए जाने के बाद सांसद, विधायकों की सदस्यता खत्म होने का प्रवाधान है। बार ऐंड बेंच के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी बुधवार को एक मामले में सुनवाई के दौरान की थी। हाल ही में राहुल गांधी को दो साल की सजा के बाद उनकी सद्स्यता खत्म हो गई, ऐसे समय में यह टिप्पणी अहम मानी जा रही है। जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की अदालत ने लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल की ओर से दायर याचिका पर सुनवार्ई करते हुए यह बात कही है।
बता दें कि मोहम्मद फैज को हत्या के प्रयास में 10 साल की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद उनकी सदस्यता समाप्त हो गई थी। उन्होंने केरल हाईकोर्ट में अपील दायर की, जिसके बाद सजा पर स्टे लग गया। लेकिन सदस्यता मिलने में देरी होने पर उन्होने सुप्रीम कोर्ट की ओर रूख किया। इसके अलावां लक्षद्वीप की ओर से भी याचिका दायर की गई थी, जिसमे मांग की गई थी कि केरल हाईकोर्ट के फैसले पर स्टे लगाया जाए। इन्ही याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने अधिनस्थ न्यायालयों को ऐसे मामलों संवेदनशील रहने के लिए कहा।
धारा 8(3)
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सॉलिसिटर जनरल केएम नटराजन ने कहा कि जनप्रतिनिधि कानून की धारा 8(3) के अनुसार किसी सांसद या विधायक को दो साल से अधिक की सजा मिलने की स्थिति में उसकी सदस्यता तत्काल खत्म हो जाएगी।
केरल हाई कोर्ट के उस फैसले के अंतरिम रोक से इनकार
जस्टिस जोसेफ ने कहा, यह प्रावधान बहोत जटील है। इसलिए अदालतों को सजा सुनाते वक्त थोड़ा ध्यान देना चाहिए। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी माह में केरल हाई कोर्ट के उस फैसले के अंतरिम रोक से इनकार कर दिया था, जिसमें फैज की सजा पर रोक का आदेश दिया गया था।
बहाल करने की प्रक्रिया जटील
मोहम्मद फैज के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि, लोकसभा सचिवालय ने आज मोहम्मद फैज की सदस्यता को बहाल कर दिया है। लेकिन इस पुरी प्रक्रिया में दो महीने से ज्यादा वक्त लग गया। अदालत में इस मामले मे इस मामले सुनावाई जारी है। अगली तारीख 24 अप्रैल है।