नई दिल्ली: अयोध्या के विवादित स्थल की निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को 10 दिनों के भीतर दो पर्यवक्षकों को नियुक्त करने के लिए कहा है। पूर्व नियुक्त दो पर्यवक्षकों में से एक सेवानिवृत्त हो गए है, जबकि दूसरे अब जज बन गए हैं।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने सोमवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ को बताया, कि 'पूर्व नियुक्त पर्यवक्षकों में एक हाईकोर्ट के जज नियुक्त हो चुके है और दूसरे सेवानिवृत्त हो चुके हैं लिहाजा नए पर्यवक्षकों की नियुक्ति होनी है।'
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HC के चीफ जस्टिस करेंगे नामों का चयन
राकेश द्विवेदी ने यूपी के सुल्तानपुर और फैजाबाद सहित तीन जिलों के कुछ अतिरिक्त सत्र व जिला न्यायाधीशों की सूची सौंपते हुए कहा कि 'इनमें से दो को पर्यवक्षक नियुक्त किया जा सकता है। इस पर पीठ ने कहा कि चूंकि यह सूची लंबी है ऐसे में बेहतर होगा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश इस सूची में दो नामों का चयन करें।'
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एक पक्षकार ने किया विरोध
चीफ जस्टिस से 10 दिनों के भीतर इस काम को अंजाम देने का आग्रह किया गया है। वहीं, एक पक्षकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने नए पर्यवक्षकों को नियुक्त करने का विरोध किया। उन्होंने पीठ ने आग्रह किया कि टीएम खान और एसके सिंह वर्ष 2003 से बतौर पर्यवक्षक निगरानी रख रहे हैं लिहाजा उन्हें ही पर्यवक्षक बनाए रखना चाहिए।