अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ये अहम फैसला

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता अर्नब गोस्वामी को उनके मामले के खिलाफ जारी विशेषाधिकार नोटिस में सुनवाई तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।

Update:2020-11-06 17:41 IST
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि उच्च न्यायालय, निचली अदालतों को राज्य द्वारा आपराधिक कानून का दुरुपयोग करने के खिलाफ जागरुक रहना चाहिए।

मुंबई: इस वक्त की बड़ी खबर सुप्रीम कोर्ट से आ रही है। रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी मामले पर सुप्रीम कोर्ट से महाराष्ट्र सरकार को तगड़ा झटका लगा है।

सुप्रीम कोर्ट ने विशेषाधिकार हनन मामले में अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। साथ साथ ही कोर्ट ने विधानसभा सचिव को नोटिस भी जारी किया है।

कोर्ट के अंदर मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यम की पीठ ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार की यह कार्रवाई याचिकाकर्ता को डराने के लिए की गई है, क्योंकि उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया और ऐसा करने के लिए दंड देने की धमकी दी थी।

अर्नब गोस्वामी(फोटो:सोशल मीडिया)

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विशेषाधिकार प्रस्ताव के उल्लंघन के कारण बताओ नोटिस मामले में आज SC में हुई सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट आज अर्नब गोस्वामी को लेकर महाराष्ट्र विधान सभा द्वारा अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले से संबंधित रिपोर्ट के लिए विशेषाधिकार प्रस्ताव के उल्लंघन के कारण बताओ नोटिस के खिलाफ सुनवाई कर रही थी।

रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज पूछा कि महाराष्ट्र विधानसभा सचिव के खिलाफ अदालत की अवमानना का कारण बताओ नोटिस जारी क्यों नहीं किया जा सकता है।

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अर्नब गोस्वामी(फोटो:सोशल मीडिया)

सुनवाई पूरी होने तक गिरफ्तारी पर रोक

मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता अर्नब गोस्वामी को उनके मामले के खिलाफ जारी विशेषाधिकार नोटिस में सुनवाई तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।

जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने ये भी कहा कि कोई इस तरह से कैसे डरा सकता है। इस तरह से धमकियां देकर किसी को अदालत में आने से कैसे रोका जा सकता है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम इस तरह के आचरण की सराहना नहीं करते हैं। मालूम हो कि महाराष्ट्र विधानसभा सचिव ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे की आलोचना के लिए अर्नब के खिलाफ विशेषाधिकार नोटिस जारी किया था।

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