केंद्र ने कहा-आर्टिकल 370 हटाना था जरूरी, अब 14 NOV को आएगा SC का फैसला

अब पांच जजों की पीठ आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35 ए के प्रावधानों को हटाने के खिलाफ दायर याचिका पर 14 नवंबर को सुनवाई करेगी। इस पीठ में जस्टिस एन वी रमणा, जस्टिस एस के कौल, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी,

Update: 2019-11-12 05:52 GMT

जयपुर: अब पांच जजों की पीठ आर्टिकल 370 और आर्टिकल 35 ए के प्रावधानों को हटाने के खिलाफ दायर याचिका पर 14 नवंबर को सुनवाई करेगी। इस पीठ में जस्टिस एन वी रमणा, जस्टिस एस के कौल, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सूर्य कांत शामिल होंगे। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के कई प्रावधानों को रद्द करने के अपने फैसले को सही बताया। केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा- 'आतंकी और अलगाववादी तत्व भारत के लिए घातक विदेशी शक्तियों की मदद से फायदा उठा रहे थे।

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राज्य के स्थायी निवासियों को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 35ए को खत्म करने के फैसले को भी सरकार ने सही कहा है। इन अधिकारों का लाभ यहां के नागरिकों को नहीं मिल रहा हैं।।यह भी कहा कि इसमें कोई विवाद नहीं हो सकता कि अस्थायी व्यवस्था होने के बाद भी आर्टिकल 370 सात दशकों से अधिक समय तक कायम रहा।

 

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केंद्र ने यह भी कहा कि राष्ट्र हित की एकता और सुरक्षा के लिए दोनों अनुच्छेदों को खत्म करने का फैसला सही था। अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए अस्थायी प्रावधान होने के बावजूद कई दशकों तक बना रहे। इससे राज्य का विकास बाधित हुआ, बल्कि वहां के लोगों को समय-समय पर देश के संविधान में होने वाले बदलावों और कानून में संशोधन का लाभ भी नहीं मिला। इससे राज्य में अलगाववादी मानसिकता ने जन्म लिया।

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