SC: संवेदनशील अयोध्या मामले पर इन सबको माना आधार, लिया इतना बड़ा फैसला
अयोध्या मामले पर फैसला आए दो दिन हो गए है। अब सब इस तथ्य को जानना चाहते हैं कि आखिर इतना बड़ा फैसला कैसे लिया गया। क्या आधार रहा है राम मंदिर पर न्याय देने का। तो जहां तक मिली जानकारी के आधार पर कहा जा रहा है
जयपुर: अयोध्या मामले पर फैसला आए दो दिन हो गए है। अब सब इस तथ्य को जानना चाहते हैं कि आखिर इतना बड़ा फैसला कैसे लिया गया। क्या आधार रहा है राम मंदिर पर न्याय देने का। तो जहां तक मिली जानकारी के आधार पर कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने धार्मिक किताबों का सहारा लिया। ये किताबें संस्कृत, हिंदी, उर्दू, फारसी, तुर्की, फ्रांसीसी और अंग्रेजी आदि विभिन्न भाषाओं में लिखी गई थी, जिनके अनुवाद का अवलोकन किया गया।
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इस फैसले में राजनीतिक और धार्मिक संवेदनशीलता को ध्यान में रखा गया है। सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय पीठ ने सावधानी बरतते हुए कहा कि फैसला को लेकर इतिहास की व्याख्या करने के खतरे भी थे।
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चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एसए नजीर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अशोक भूषण ने अपने फैसले में करीब 533 दस्तावेजी सबूतों की जांट किया, जिनमें धार्मिक लेख, यात्रा वृतांत, पुरातात्विक खनन रिपोर्ट, विवादित ढांचा ढहने से पहले के फोटोग्राफ और विवादित भूमि में से मिली कलाकृतियों का ब्योरा आदि शामिल हैं। इन सबूतों में विभिन्न शासकीय गजेटियर और ढांचे के खंभों पर उत्कीर्ण पुरालेखों का अनुवाद भी शामिल है।