NEET UG विवाद पर SC का आखिरी फैसला, पेपर लीक हजारीबाग-पटना तक सीमित, कहा- यह सिस्टमैटिक नाकामी नहीं

NEET-UG 2024 Row: नीट यूजी विवाद पर कुल 40 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में डाली गई थीं। इन याचिकाओं पर कई दिनों में सुनवाई करते हुए CJI डीवाई चंद्रचूड़ की बेंज ने शुक्रवार को अपना आखिरी फैसला सुन दिया।

Newstrack :  Network
Update:2024-08-02 11:27 IST

NEET-UG 2024 Row (सोशल मीडिया) 

NEET-UG 2024 Row: मेडिकल प्रवेश परीक्षा में बैठे करीब लाखों अभ्यर्थियों का आखिरकार इंतजार आखिरकार आज खत्म हो गया है। नीट यूजी 2024 पेपर लीक पर डाली गईं 40 याचिकाओं को बारीकियों से सुनने के बाद देश की शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को अपना आखिरी फैसला दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि यह एक सिस्टमेटिक फेलियर नहीं हैं। पेपर लीक का असर हजारीबाग और पटना तक ही सीमित रहा है। बड़े स्तर पर पेपर लीक नहीं हुआ है, इसलिए हम दोबारा परीक्षा मांग को खारिज करते हैं। इससे पहले अपनी पिछली सुनवाई में भी सुप्रीम कोर्ट ने तथ्यों के साथ दोबारा परीक्षा की मांग को खारिज किया था।

मामले में डाली गई थीं 40 याचिकाएं

नीट यूजी विवाद पर कुल 40 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में डाली गई थीं। इन याचिकाओं पर कई दिनों में सुनवाई करते हुए CJI डीवाई चंद्रचूड़ की बेंज ने शुक्रवार को अपना आखिरी फैसला सुन दिया। साथ ही कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को ये भी राहत दी कि अगर वह सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सहमत नहीं हैं तो वह हाई कोर्ट का रूख कर सकते हैं। CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि हमने ढांचागत खामियों की ओर ध्यान दिया है। हमारा निष्कर्ष है कि पेपर लीक सिस्टमेटिक नहीं है। पेपर लीक व्यापक स्तर पर नहीं हुआ है, इसलिए दोराबा परीक्षा की मांग को खारिज किया जाता है। कोर्ट ने परीक्षा कराने वाली संस्था नेशलन टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) और सरकार को निर्देश दिया कि एग्जाम देने वाले कैंडिडेट की पहचान सुनिश्चित करना, पेपर लीक को रोकने के लिए स्टोरेज के लिए SOP तैयार करना सरकार और एनटीए की जिम्मेदारी है। NTA को आगे के लिए ध्यान रखना चाहिए और इस तरह की लापरवाही से बचना चाहिए।

एनटीए बदले परीक्षा के तौर तरीके

साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को परीक्षा कराने के तौर-तरीके बदलने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा कि एजेंसी प्रश्न पत्र बनाने से लेकर परीक्षा खत्म हो जाने तक कठोर जांच सुनिश्चित करे। प्रश्न पत्रों के संचालन और जांच के लिए एक एसओपी बनाई जाए। पेपर को ट्रांसपोर्ट में रियल टाइम लॉक वाले बंद वाहनों का उपयोग किया जाए। प्राइवेसी लॉ को भी ध्यान में रखा जाए ताकि अगर कोई गड़बड़ी हो तो उसे पकड़ा जा सके। इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक फिंगरप्रिंट्स की रिकॉर्डिंग, साइबर सुरक्षा की व्यवस्था रखें, जिससे डेटा सुरक्षित रखा जा सके। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम छात्रों की बेहतरी के लिए ऐसा नहीं होने दे सकते, इसलिए जो मुद्दे उठे हैं, उन्हें केंद्र को इसी साल ठीक करना चाहिए, ताकि ऐसा दोबारा न हो।

सीबीआई ने दाखिल की पहली चार्जशीट

इससे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गुरुवार को NEET-UG पेपर लीक मामले के संबंध में अपनी पहली चार्जशीट दाखिल की। इसमें उम्मीदवारों के साथ ही उम्मीदवारों के माता-पिता, इंजीनियर और पेपरलीक के सरगनाओं के नाम शामिल हैं। सीबीआई ने की जांच जारी है और इस मामले में एक पूरक आरोप पत्र (सप्लीमेंट्री चार्जशीट) भी दायर की जाएगी।

आरोप पत्र में इन लोगों के नाम, 40 गिरफ्तारियां

सीबीआई ने पहली चार्जशीट (आरोपपत्र) में 13 आरोपियों के नाम हैं, जिनमें चार नीट उम्मीदवार, एक जूनियर इंजीनियर और पेपरलीक के दो सरगनाओं का नाम शामिल हैं, जोकि आशुतोष कुमार-1, आशुतोष कुमार-2, अखिलेश कुमार, अभिषेक कुमार, अवधेश कुमार, अनुराग यादव, अमित आनंद, आयुष राज, नीतीश कुमार, सिकंदर यादवेंदु, रोशन कुमार, मनीष प्रकाश और शिवनंदन कुमार हैं। नीट विवाद पर सीबीआई ने कुल 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से 15 को बिहार पुलिस ने हिरासत में लिया है। भारतीय दंड संहिता की प्रासंगिक धाराओं के तहत आरोपपत्र प्रस्तुत किया गया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि आरोपी पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं में शामिल थे।

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