Bilkis Bano case: 'बिलकिस बानो मामले के 11 दोषियों को रिहा करने के आधार का दस्तावेज लाएं', SC का केंद्र को नोटिस
Bilkis Bano case: सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस अपराध को 'भयावह' बताया। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो की याचिका पर केंद्र और गुजरात सरकार तथा दोषियों को नोटिस जारी किया है।
Bilkis Bano case : बिलकिस बानो केस में आजीवन कारावास की सजा पाए 11 दोषियों की समय से पहले रिहाई मामले पर सोमवार (27 मार्च) को सुनवाई हुई। दरअसल, गुजरात सरकार (Government of Gujarat) की दोषियों की रिहाई अनुमति के बाद आदेश को चुनौती दी गई थी। याचिकाओं पर सर्वोच्च न्यायालय ने आज सुनवाई की। जस्टिस केएम जोसेफ (Justice KM Joseph) और जस्टिस बीवी नागरत्ना (Justice BV Nagaratna) की दो सदस्यीय खंडपीठ ने मामले में बड़ा दखल दिया।
शीर्ष अदालत ने इस अपराध को 'भयावह' बताया। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो की याचिका पर केंद्र और गुजरात सरकार तथा दोषियों को नोटिस जारी किया है। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) को दोषियों की रिहाई की अनुमति से जुड़ी फाइल को तैयार रखने को कहा है।
18 अप्रैल को विस्तृत सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि, 'यह तय करेगा कि सजा में छूट पर फैसला लेने के लिए उपयुक्त प्राधिकारी कौन हैं? कोर्ट तय करेगी कि ये गुजरात है या महाराष्ट्र।' सुप्रीम कोर्ट अब अगले महीने की 18 तारीख को इस मामले की विस्तार से सुनवाई करेगा।
पिछले साल 15 अगस्त को रिहा हुए थे सभी दोषी
पिछले साल मई में जस्टिस रस्तोगी (Justice Rastogi) की अगुवाई वाली खंडपीठ ने फैसला सुनाया था। जिसमें कहा गया था कि, गुजरात सरकार के पास छूट के अनुरोध पर विचार करने का अधिकार है। इसके पीछे तर्क ये दिया गया था कि, अपराध गुजरात में हुआ था। इस फैसले की समीक्षा के लिए बिलकिस बानो की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका (Review Petition) को सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2022 में खारिज कर दिया था। इस बीच, सभी 11 दोषियों को 15 अगस्त 2022 को रिहा कर दिया गया। तब राज्य सरकार ने दोषियों के क्षमा आवेदनों को अनुमति दी।