‘दोषियों के घर नहीं चलेगा बुलडोजर’, सुप्रीम कोर्ट का आया सख्त निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने आज बुलडोजर एक्शन पर सुनवाई की। इस सुनवाई के दौरान उन्होंने सख्त दिशा- निर्देश दिए। जानिए क्या कहा।

Report :  Sonali kesarwani
Update: 2024-09-02 07:59 GMT

आज सुप्रीम कोर्ट में दोषियों के घर चलने वाले बुलडोजर एक्शन पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान बुल्डोजर एक्शन की कार्रवाई पर कई सवाल उठाये। उन्होंने ने कहा कि दोषी साबित होने के बाद भी किसी का घर नहीं गिराया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि सिर्फ आरोपी होने के आधार पर किसी के घर को गिराना उचित नहीं है। अदालत ने शासन और प्रशासन पर इस तरह की कार्रवाई पर सवाल उठाये। आज जस्टिस गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच के समक्ष सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें पेश कीं।

बनाएंगे दिशानिर्देश, सभी राज्य करें पालन- SC

देश में बुलडोजर एक्शन पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में दिशानिर्देश बनाएंगे, जिसका सभी राज्य पालन करेंगे। वहीं सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा- म्युनिसिपल नियमों के मुताबिक नोटिस देकर ही अवैध निर्माण को ढहाया जा सकता है। तुषार मेहता ने यह भी कहा कि जो कार्रवाई की गई है, वह म्युनिसिपल कानून के अनुसार ही की गई है। उन्होंने बताया कि अवैध कब्जे के मामलों में एबीएन ने अभी तक जितने भी घर गिराए है उन्हें म्युनिसिपल संस्थाओं द्वारा दिए नोटिस देने के बाद ही गिराया गया है।

17 सितंबर को सुनवाई होगी

इस मामले को लेकर सुनवाई अब 17 सितंबर को होगी। जस्टिस विश्वनाथन ने सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है। साथ ही अदालत ने नोटिस, कार्रवाई और अन्य आरोपों पर सरकार को उत्तर देने के आदेश दिए है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका जमीयत उलेमा ए हिंद ने दायर की थी। उन्होंने सरकार पर यह आरोप लगाया था कि वे अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बना रहे हैं। अर्जी में आरोपियों के घरों पर सरकारों द्वारा बुलडोजर चलाने पर रोक लगाने की मांग की भी गई है। जमीयत उलेमा ए हिंद की तरफ से दायर याचिका में यह भी कहा गया है कि आरोपियों के खिलाफ वाजिब कार्रवाई न करके सरकार उनके घरों को गिरा रही है। जोकि पूरी तरह से गैरकानूनी और मनमाना रवैया है। 

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