हैदराबाद एनकाउंटर मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, होगा ये बड़ा फैसला
हैदराबाद में गैंगरेप और हत्या के आरोपियों के एनकाउंटर को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। तीन वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि एनकाउंटर में शामिल पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए और कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच हो।
नई दिल्लीः हैदराबाद में गैंगरेप और हत्या के आरोपियों के एनकाउंटर को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। तीन वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि एनकाउंटर में शामिल पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए और कोर्ट की निगरानी में निष्पक्ष जांच हो। इस याचिका में कमिश्नर वीसी सज्जनार के खिलाफ भी एफआईआर की मांग की गई है।
सुनवाई के दौरान साइबराबाद के पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार भी देश की सर्वोच्च अदालत में मौजूद रहेंगे। वीसी सज्जनार ने ही एनकाउंटर टीम का नेतृत्व किया था। इस याचिका की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश एसएस बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ करेगी।
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सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि पुलिस की कार्रवाई तय नियमों और कोर्ट के आदेशों के खिलाफ थी। याचिका में कहा गया है कि मामले की निष्पक्ष जांच जरूरी है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि एनकाउंटर पर सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन नहीं हुआ है।
बता दें कि हैदराबाद में पशु चिकित्सक (वेटनरी डॉक्टर) के साथ गैंगरेप और उसकी हत्या के चारों आरोपियों को चेट्टनपल्ली में हाल ही में पुलिस के साथ एक कथित मुठभेड़ में मार गिराया था। तेलंगाना पुलिस ने आरोपियों के एनकाउंटर से संबंधित रिपोर्ट राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को सौंप दी है।
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क्या है मामला?
बता दें कि हैदराबाद के बाहरी इलाके शमशाबाद में 27 नवंबर की रात को चार ट्रक ड्राइवरों और क्लीनर ने मिलकर महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप और पेट्रोल जलाकर जला दिया था। इस जघन्य अपराध के बाद से दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की मांग को लेकर पूरे देश में प्रदर्शन हुआ था। मामले में गिरफ्तार चार आरोपियों को 7 दिसंबर की सुबह पुलिस क्राइम सीन रिक्रिएट करने के लिए घटना वाली जगह पर ले गई थी।
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इस दौरान पुलिस का हथियार छीनकर भागने की कोशिश कर रहे चारों आरोपियों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था। इस मामले में वकील जीएस मणि ने याचिका दायर की गई है। तेलंगाना हाईकोर्ट ने भी 13 दिसंबर तक आरोपियों के शवों को संरक्षित करने का निर्देश दिया है।