नयी दिल्ली: स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा की गयी रकम में 2017 में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है। अब ये रकम बढ़ कर 1.01 बिलियन स्विस फ्रैंक यानी 7 हजार करोड़ से ज्यादा हो गयी है। ये बीते तीन सालों में हो रही गिरावट के उलट है।
भारत से भेजे गये पैसे की तुलना में अगर सभी विदेशी ग्राहकों द्वारा स्विस बैंकों में जमा की गयी रकम को देखें तो ये 2017 में सिर्फ 3 फीसदी बढ़ी है। अब स्विस बैंकों में करीब 100 लाख करोड़ रुपये जमा हैं। ये आंकड़े स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) द्वारा 28 जून को जारी वार्षिक रिपोर्ट में दिये गये हैं।
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एक ओर भारत में काले धन के खिलाफ सरकार ने मुहिम चला रही है वहीं स्विस बैंकों में भारत से आयी रकम का इतना ज्यादा बढऩा हैरान करने वाली बात है। 2016 में स्विस बैंकों में भारत की रकम ४५ फीसदी घट गयी थी। जो 1987 के बादकी सबसे तेज गिरवाट थी। 2016 में कोई 4500 करोड़ रुपये वहां जमा थे।
स्विस नेशनल बैंक के आंकड़ों के अनुसार 2017 में भारतीय ग्राहकों की सीधे जमा रकम 999 मिलियन स्विस फ्रैंक (681 करोड़ रुपये) थी जबकि दूसरे माध्यमों से जमा की गयी रकम 06.2 मिलियन स्विस फ्रैंक (112 करोड़) थी। 2016 के अंत में ये रकम क्रमश: 664.8८ मिलियन और 11 मिलियन स्विस फ्रैंक थी। ताजा आंकड़ों के अनुसार स्वि बैंकों में भारतीय रकम कस्टमर डिपॉजिट के रूप में 464 मिलिन स्विस फ्र्रेैक, अन्य बैंको के जरिये जमा रकम 152 मिलिन स्विस फ्रैंक और अन्य प्रतिभूतियों के रूप में जमा रकम 383 मिलियन स्विस फ्रैंक है। स्विस बैंक खातों में रखे भारतीयों के धन में 2011 में इसमें 12फीसदी, 2013 में 43 फीसदी, 2017 में इसमें 50.2फीसदी की वृद्धि हुई। इससे पहले 2004 में यह धन 56 फीसदी बढ़ा था।
एसएनबी के ये आंकड़े ऐसे समय में जारी किए गए हैं जबकि कुछ महीने पहले ही भारत व स्विटजरलैंड के बीच सूचनाओं के स्वत: आदान प्रदान की एक नई व्यवस्था लागू की गई है। इस व्यवस्था का उद्देश्य काले धन की समस्या से निजात पाना है। इस बीच स्विटजरलैंड के बैंकों का मुनाफा 2017 में 25फीसदी बढ़कर 9.8 अरब फ्रैंक हो गया। हालांकि इस दौरान इन बैंकों के विदेशी ग्राहकों की जमाओं में गिरावट आई। इससे पहले 2016 में यह मुनाफा घटकर लगभग आधा 7.9 अरब फ्रेंक रह गया था।