भ्रष्टाचार मामले में TDP प्रमुख चंद्रबाबू नायडू को भेजा गया 14 दिन के न्यायिक हिरास में, जाने किस जेल में रखा जाएगा?

N Chandrababu Naidu Custody: कानून व्यवस्था बनाए रखन के लिए जेल के आसपास धारा 144 लागू कर दिया गया है।

Written By :  Anant kumar shukla
Update:2023-09-10 22:01 IST

N Chandrababu Naidu Custody (Photo-Social Media)

N Chandrababu Naidu Custody: तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू को कौशल विकास घोटाले में कोर्ट नें रविवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की कस्टडी में 14 दिन के न्यायिक हिरासत में भेजा है।

जेल के आसपास धारा 144 लागू

पूर्व सीएम को 14 दिन तक राजमुंदरी सेंट्रल जेल में रखा जाएगा। कानून व्यवस्था बनाए रखन के लिए जेल के आसपास धारा 144 लागू कर दिया गया है। चंद्रबाबू को शनिवार की देर रात करीब तीन बजकर 40 मिनट पर मेडिकल जांच के लिए जनरल अस्पताल ले जाया गया था। इससे पहले उनसे करीब 10 घंटे तक पूछताछ हुई थी।

यहां से गिरफ्तार किया गया चंद्रबाब

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को सीआईडी की टीम नें शनिवार को सुबह करीब छह बेज नंदयाल शहर के ज्ञानपुरम स्थित आर के फंक्शन हॉल के बाहर से गिरफ्तार किया था। चंद्रबाबू को जिस समय गिरफ्तार किया गया था उस समय वह अपने लग्जरीयस बस में सो रहे थे।

टीडीपी ने लगाए आरोप

चंद्रबाबू नायडू के को अरेस्ट करने के बाद उनकी पार्टी ने जमकर आरोप लगाया गया। पार्टी नें सोशल मीडिया साइट अक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि नायडू के विरुद्ध झूठा केस दर्ज किया गया है। जनता उनके साथ है।

सीआईडी ने कहा नायडू ने सहयोग नहीं किया

सीआईडी ने बताया कि चंद्रबाबू नायडू नें पूछताछ के दौरान सहयोग नहीं किया। उन्होंने सवालों का अस्पष्ट उत्तर देते हुए कहा कि उन्हें कई बातें याद नहीं है। सीबीआई ने बताया कि नायडू से उस नोट फाइल से सवाल पूछा गया जो केस डायरी से जुड़े सबूत का हिस्सा है। लेकिन उन्होंने सवालों का स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा उन्हें याद नहीं है।

सरकार ने क्या कहा?

सरकार के सलाहकार एस रामकृष्ण रेड्डी नें सफाई देते हुए कहा बताया कि अपराध के मामलों में गिरफ्तारी से पहले नोटिस देना जरूरी नहीं है। यदि एफआईआर में आरोपी का नाम दर्ज नहीं तो भी नोटिस देने की आवश्यकता नहीं है।

क्या था पूरा मामला?

बता दें कि आंध्र प्रदेश पुलिस ने कौशल विकास निगम घोटाले में नायडू को शनिवार को मुख्य षड्यंत्रकारी बताया था। आरोप है कि इस घोटाले से राज्य सरकार को 300 करोड़ रुपए की चपत लगी।

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