आतंकी महिला का सच: पाकिस्तान के लिए करती है ये काम, लश्कर-ए-तैयबा से संबंध

 कोलकाता से राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) ने एक संदिग्ध महिला आतंकी को गिरफ्तार किया है। इसका नाम तानिया परवीन है। तानिया को लेकर राष्ट्रीय एजेंसी को आशंका है कि ये आतंकी महिला लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करती थी।

Update:2020-06-13 16:36 IST

नई दिल्ली: कोलकाता से राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) ने एक संदिग्ध महिला आतंकी को गिरफ्तार किया है। इसका नाम तानिया परवीन है। तानिया को लेकर राष्ट्रीय एजेंसी को आशंका है कि ये आतंकी महिला लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करती थी। जानकारी के मुताबिक, तानिया पाकिस्तान के कई वॉट्सएप ग्रुप से जुड़ी हुई है और पाकिस्तान के एक वॉट्सएप नंबर का इस्तेमाल भी कर रही थी।

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आखिर कौन है तानिया परवीन

बताया जा रहा है कि स्पेशल टास्क फोर्स ने गिरफ्तारी के बाद तानिया परवीन को आगे की जांच के लिए 12 जून को एजेंसी के हवाले कर दिया है। तो चलिए विस्तार से बताते है कि आखिर कौन है तानिया परवीन और इसका पाकिस्तान से क्या कनेक्शन है।

इस मामले में पुलिस को ये जानकारी मिली कि तानिया के खाते से करोड़ों रुपए का लेनदेन लगातार हो रहा है। साथ ही पुलिस की निगाहें इस कॉलेज स्टूडेंट पर रहने लगीं। जिसके बाद से ही गतिविधियां लगातार संदिग्ध होती गईं।

और यहां स्पेशल टास्क फोर्स को संदेह हुआ कि युवती आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ी हुई है। इसी शक के आधार पर तानिया को 18 मार्च को गिरफ्तार किया गया और सेंट्रल जेल दमदम में कड़ी निगरानी में रखा गया।

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हनीट्रैप का काम

इसके बाद पूछताछ के दौरान कई अहम बाते सामने आई। बताया गया कि तानिया हनीट्रैप का काम करती रही। यानी वो फेसबुक पर पहले सेना के अधिकारियों का पता लगाती थी। उसके बाद उनसे दोस्ती करती थी।

दोस्ती को पक्का रंग देने के बाद वो सेना के अधिकारियों से कई तरह की महत्वपूर्ण जानकारी भी हासिल कर लेती थी और ये जानकारियां लश्कर को दिया करती थी।

इसके साथ ही युवती का अपने इलाके के युवाओं में काफी रुतबा था। वो बातचीत के जरिए युवाओं को आतंकवादी बनने के लिए उकसाया करती। उनको अजीब-अजीब सी बातें बताया करती थी।

पिता राजमिस्त्री का काम करके

महज 23 साल की तानिया परवीन पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश सीमा से लगे मलयापुर गांव की रहने वाली है, जो बदुरिया पुलिस थाने के अंतर्गत आता है। आरोपी छात्रा बेहद साधारण आर्थिक हालात वाले परिवार से है।

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तानिया के पिता राजमिस्त्री का काम करके किसी तरह घर चलाया करते। इसी दौरान तानिया पढ़ाई-लिखाई में रुचि लेती दिखी। ये बताया जाता है कि मदरसे की पढ़ाई के दौरान छात्रा के हमेशा 80% से ज्यादा अंक आते रहे।

इसके बाद युवती तानिया का एडमिशन इलाके के प्रतिष्ठित मौलाना आजाद कॉलेज में अरबी विभाग में हो गया। वो यहां एमए प्रथम वर्ष की छात्रा रही। और खाली समय में बच्चों को पढ़ाया भी करती थी।

बैंक से करोड़ों रुपयों के लेनदेन

तानिया की आर्थिक स्थिति ठीक भी नही थी, पर फिर भी बैंक से करोड़ों रुपयों के लेनदेन की खबर मिलने के बाद पुलिस ने तहकीकात की तो ये पाया कि तानिया के मोबाइल पर हजारों रुपए का रिचार्ज भी हुआ करता था।

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बीते कुछ महीनों के दौरान ये और बढ़ गया था। क्योंकि इसमें अधिकतर इंटरनेशनल कॉल होते थे। ऐसा माना जा रहा है कि कमाई का कोई खास जरिया न होने के कारण ये पैसे लश्कर की ओर से भेजे जाते रहे। इसके अलावा तानिया कई बार दिल्ली, मुंबई और कश्मीर आती-जाती थी।

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आमतौर पर भारतीय सेना को हनीट्रैप करने की कोशिश करती है। तानिया जानकारियों का इस्तेमाल आतंकी हमले कराने के लिए खुफिया जानकारी देती थी। ये भारतीय सैनिकों को अपने जाल में फंसाकर उनसे सेना की खुफिया जानकारियां निकालने की कोशिश करती थी फिर पाकिस्तान को देती थी।

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