ठण्ड में तबाही: बढ़ जाएगा कोरोना भयानक कहर, ऐसे करें बचाव
वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में कोरोना का खतरा और भी बढ़ सकता है। मॉनसून और ठंडी में इस वायरस के फैलने का खतरा और बढ़ जाता है। मानसून में वातावरण में हलकी ठण्ड के साथ नमी आ जाती हैं।;
पिछले कई महीनों से देश-विदेश के सभी लोग कोरोना महामारी से जुंझ रहे हैं। इस खतरनाक वायरस ने बड़ी ही तेज़ी से कहियों को अपनी चपेट में लिया। और अब भी इसका खतरा बना हुआ हैं। लेकिन लोग धीरे धीरे अपने कामों पर लौट रहे हैं। जिसके कारण उनके मन से कोरोना का डर कम हो रहा हैं।
विशेषज्ञों का कहना
वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में कोरोना का खतरा और भी बढ़ सकता है। मॉनसून और ठंडी में इस वायरस के फैलने का खतरा और बढ़ जाता है। मानसून में वातावरण में हलकी ठण्ड के साथ नमी आ जाती हैं। जिसके कारण लोगों को सर्दी खासी बनी रहती हैं। ऐसे में कोरोना वायरस के फैलने का खतरा और बढ़ जाता है। इससे लिपटने के लिए लोगों को अभी से इसकी तैयारी करनी होगी, और सावधानी बरतनी होगी।
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कोरोना का कहर
यह जानकी आईजीएमसी अस्पताल के एमएस डॉ. जनक ने प्रेस वार्ता के दौरान दी। डॉ. जनक के अनुसार जैसे-जैसे कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं वैसे-वैसे लोगों में भी इसके प्रति डर खत्म होता जा है। ऐसे में जरूरी है कि लोग सरकार के निर्देशों का पालन करें। मॉनसून में पीलिया, टाइफाइड और स्क्रब टायफस के फैलने का खतरा भी रहता है। अभी तक अस्पताल में 12 स्क्रब टायफस के मामले सामने आ चुके हैं। स्क्रब टायफस ऐसे क्षेत्रों के लोगों को होता है जहां पर लंबी घास होती है। इस लंबी घास में पाए जाने वाले पिस्सू के काटने से ही स्क्रब टायफस होता है।
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इन बातों का रखें ध्यान
डॉ. जनक ने कहा कि सरकार की ओर से प्रावधान किया गया है कि अगर घर पर ही व्यवस्था है तो कोविड पेशेंट को घर पर ही आइसोलेट किया जा सकता है। मरीज की स्थिति गंभीर होने के चलते ही उसे अस्पताल में भर्ती करने की आवश्यकता होती है।
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