बापू ने आजादी की लड़ाई के लिए 97 साल पहले खोला था ये स्कूल, अब बंदी के कगार पर!
राजकोट: महात्मा गांधी ने जिस स्कूल की नींव 1921 में आजादी की लड़ाई के लिए छात्रों को तैयार करने के मकसद से रखी थी, वह फंड के अभाव में अब बंद होने जा रहा है। राष्ट्रीय शाला नाम का यह स्कूल राजकोट में गांधी म्यूजियम से केवल 2 किलोमीटर दूर है। जानकारी के मुताबिक़ 1970 और 2000 के बीच करीब 1000 बच्चों का यहां एडमिशन किया गया था। हालांकि, जब राष्ट्रीय शाला ट्रस्ट (RST) के पास डोनेशन आने बंद हो गए तब से यहां पर बच्चों की संख्या में गिरावट आने लगी।
साल 2017-2018 में यहां केवल 37 बच्चे रह गए। जिसके बाद से स्कूल को बंद करने का निर्णय लिया गया है। अब स्कूल के बंद होने के ऐलान से अब ये सब बच्चे किसी दूसरे स्कूल में एडमिशन लेंगे।
बापू ने इस वजह से खोला था ये स्कूल
यह स्कूल महात्मा गांधी ने आजादी की लड़ाई के लिए छात्रों को तैयार करने के मसकद से खोला था। स्कूल का संविधान गांधीजी ने ही लिखा था। वह यहीं प्रार्थना किया करते थे और 1939 में उन्होंने यहां उपवास भी किया था। दक्षिण अफ्रीका से वापस आने के बाद गांधीजी को लगा कि ब्रिटिश शिक्षा गुलामी की जड़ है और शिक्षा व्यवस्था को बदलने की जरूरत है। राष्ट्रीय शाला इसी विचार का नतीजा थी। यहां स्थानीय भाषाओं में पढ़ाया जाता था।
स्कूल को बचाने की अपील
राष्ट्रीयशाला ट्रस्ट( RST) ने हाल ही में एक बुकलेट जारी कर लोगों से इस संस्थान को बचाने के लिए सहयोग करने की अपील की। बुकलेट में लिखा था- 'हमें प्राइमरी स्कूल और म्यूजिक स्कूल के लिए सरकारी नियमों के अनुसार ग्रांट नहीं मिल रही। संस्थान को 25 से 30 लाख रुपये हर साल चाहिए जिससे गांधीवादी विचारों पर गतिविधियां चलती रहें।'
सीएम का सहारा
स्कूल के जनरल सेक्रटरी और मैनेजिंग ट्रस्टी जीतू भट्टके अनुसार, 'हमें हर साल 8.30 लाख रुपये स्कूल चलाने के लिए चाहिए लेकिन हमारे पास फंड नहीं हैं। हमारे पास स्कूल को बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।' स्कूल के ट्रस्टीज ने इसके लिए मुख्यमंत्री विजय रुपाणी को भी खत लिखा है। भट्ट ने बताया कि उन्होंने सीएम से मिलने के लिए समय लिया था लेकिन पीएम के दौरे के कारण उनकी मुलाकात आगे बढ़ गई है।
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