20वें कारगिल विजय दिवस पर शहीदों के बलिदान की गाथा आज से सुनाई जाएगी
सन् 1999 में 3 मई से 26 जुलाई तक हुए कारगिल युद्द की इस साल 20वीं सालगिरह है। सीमा सुरक्षा बल यानी की बीएसएफ आज से एक हफ्ते तक कारगिल दिवस मनाती है। इस दिवस को मनाने के लिए फोर्स की तरफ से कई सारे खास आयोजन किए जाएंगे।
नई दिल्ली : सन् 1999 में 3 मई से 26 जुलाई तक हुए कारगिल युद्द की इस साल 20वीं सालगिरह है। सीमा सुरक्षा बल यानी की बीएसएफ आज से एक हफ्ते तक कारगिल दिवस मनाती है। इस दिवस को मनाने के लिए फोर्स की तरफ से कई सारे खास आयोजन किए जाएंगे। कारगिल विजय दिवस हमारे आजाद भारत के लिये एक महत्वपूर्ण दिवस है। इसे हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है।
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बलिदानी और त्यागी वीर
सन् 1999 को हुए कारगिल युद्ध को भारतीय सेना के जांबाज सिपाहियों पर गर्व और उनके बलिदान को याद करने के लिए मनाते हैं। करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर कारगिल में भारत और पाकिस्तान के बीच मई से जुलाई 1999 मतलब पूरे दो महीने युद्ध चला था। इस जंग में भारत के लगभग 527 से ज्यादा वीर योद्धा शहीद हुए थे। वहीं 1300 से ज्यादा जवान घायल हुए थे।
कारगिल युद्द की यादें आज भी वहां की बर्फीली और पथरीली चोटियों हैं, जहां इन पहाड़ियों पर आज भी पाकिस्तानी सेना का बिखरा हुआ गोला-बारूद और अन्य साजो-सामान भारतीय शूरवीरों की वीरता और बलिदान की गाथा सुनाता है। यह सामान साबित करता है कि ऊंची पहाड़ियों पर बंकरों में घात लगाए बैठे पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ने के लिए जब भारतीय जांबाजों ने अंतिम प्रहार किया होगा तो दुश्मन को भागते समय अपना सामान बटोरने का भी मौका नहीं मिला होगा।
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ये है शहीदों की गाथा
साल 1999 में कारगिल की पहाड़ियों पर पाकिस्तानी सेना ने घुसपैठ कर कब्जा जम लिया था। जिसके बाद 1999 में 26 जुलाई के दिन ही भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कारगिल की जंग जीत ली थी और भारतीय सेना ने पाकिस्तान को खदेड़कर कारगिल की चोटियों पर जीत का तिरंगा फहराया था। कारगिल विजय दिवस हमारे आजाद भारत के लिये एक महत्वपूर्ण दिवस है। इसे हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है।