फिर होगी नई शुरूआत: बन गया सरकार का ये लॉकडाउन प्लान, आएगी खुशहाली
लॉकडाउन के हालात में इकोनॉमी पर प्रेसर काफी बढ़ गया है। ऐसा माना जा रहा है कि इकोनॉमी को रिस्टार्ट करने के लिए सरकार कुछ छूट के साथ देशव्यापी लॉकडाउन को बढ़ा सकती है।
नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते मामले के देखते हुई 21 दिनों के लॉकडाउन का आगे बढ़ना तय है। पीएम मोदी ने शनिवार को देश के तमाम मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन को बढ़ाने की सलाह दी। इन लॉकडाउन के हालात में इकोनॉमी पर प्रेसर काफी बढ़ गया है। ऐसा माना जा रहा है कि इकोनॉमी को रिस्टार्ट करने के लिए सरकार कुछ छूट के साथ देशव्यापी लॉकडाउन को बढ़ा सकती है। मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फेंसिंग में पीएम मोदी ने कहा, अब भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए, समृद्ध और स्वस्थ भारत के लिए जान भी जहान भी, दोनों पहलुओं पर ध्यान आवश्यक है।
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ऐसे खोला जाएगा देश में लॉकडाउन
लॉकडाउन बढ़ाने को लेकर उद्योग संगठनों ने सरकार को अपने सुझाव दिए हैं। इंडस्ट्री चेंबर्स का सुझाव है कि लॉकडाउन को देश में धीरे-धीरे खोला जाए। पहले कोरोना फ्री जिलों में लॉकडाउन हटाने की शुरुआत हो।
मजदूरों को 15 अप्रैल से काम पर बुलाना जरूरी है। मजदूरों को काम पर आने के लिए प्रेरित किया जाए। शुरू में 22 से 39 साल के स्वस्थ लोग काम करें। बुजुर्ग-बीमारों को स्वस्थ कर्मचारियों से दूर रखा जाए। फिक्की ने आगे कहा है कि कंपनियों में कर्मचारियों की स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाई जानी चाहिए।
इस प्लान के जरिए उठाए जाएंगें कदम
ऐसे में सरकार इकोनॉमिक गतिविधियों को शुरू करने के लिए कोविड-19 को 3 जोन में बांटेगी। कोरोना से प्रभावित इलोकों को रेड, औरेंज और ग्नीन जोन में बांटा जाएगा।
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जहां एक भी केस नहीं होगा उसे ग्रीन जोन में रख सकते हैं, इसके साथ ही जहां पर ज्यादा केस आए हैं उसे रेड और कम खतरे वाले जिलों को ऑरेंज जोन में रख सकते हैं।
रेड जोन में पूर्ण लॉकडाउन रहेगा तो ग्रीन जोन में कुछ ढील दी जा सकती है। बाहर से आने वालों पर रोक लगाते हुए वहां स्थानीय रोजगार की गतिविधियां पहले की तरह संचालित करने की छूट दी सकती है। ग्रीन जोन वाले जिलों के सरकारी दफ्तरों में पहले की तरह काम शुरू करने की व्यवस्था हो सकती है।
इंडस्ट्रियल टाउनशिप
इसके साथ ही इंडस्ट्रियल टाउनशिप में आने और जाने पर कड़ाई हो सकती है। कर्मचारियों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए कंपनी द्वारा व्यस्था की जा सकती है।
इन मार्केट में कुछ कर्मचारियों के लिए अलग-अलग टाइमटेबल हो सकते हैं। मंडी में लोगों की संख्या निर्धारित की जा सकती है।
इसके अलावा, सरकार कंपनियों को अपने कैंपस में रहने के लिए अनुमति दे सकती है। राज्य सरकारों को किसानों से सीधे फसल खरीदने के लिए गांव जाने की अनुमति दी गई है।
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राज्य सरकारें सीमित ट्रांसपोर्ट चलाने पर विचार कर सकती है। जिलों या शहरों में ट्रांसपोर्ट का परिचालन हो सकता है। लेकिन फिलहाल इंटरस्टेट ट्रांफपोर्ट की अनुमति नहीं होगी।
पब्लिक सर्विसेज को ई-टोकन्स और अप्वाइंटमेंट्स के आधार पर शुरू करने का सुझाव दिया गया है। सप्लाई चेन मूवमेंट के लिए कई और कदम उठाए जा सकते हैं।
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