बहुत जरूरी ये नियम: विदेशी यात्री जान लें इसे, करना होगा गाइडलाइन का पालन

कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लागू लाकडाउन के चौथे चरण में सरकार ने पाबंदियों पर सशर्त कई ढ़ील दी है। इसी क्रम में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय हवाई उड़ानों के लिए भी प्रोटोकाल जारी किया गया हैं।

Update: 2020-05-25 11:03 GMT

लखनऊ। कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लागू लाकडाउन के चौथे चरण में सरकार ने पाबंदियों पर सशर्त कई ढ़ील दी है। इसी क्रम में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय हवाई उड़ानों के लिए भी प्रोटोकाल जारी किया गया हैं। अतर्राष्ट्रीय उड़ानों के लिए केंद्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन को यूपी सरकार ने भी लागू किया है।

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14 दिन के लिए क्वांरटाइन

इस गाइडलाइन के मुताबिक विदेशों से आने वाले यात्रियों को उनके आगमन से पहले ही एक सहमति पत्र देना होगा। जिसमे उन्हे 14 दिन के लिए क्वांरटाइन में रहना होगा।

इस क्वांरटाइन अवधि के पहले सात दिन के संस्थागत क्वांरटाइन के लिए उन्हे अपना खर्च स्वयं वहन करना होगा और अगले सात दिन का क्वांरटाइन उन्हे अपने घर पर आइसोलेशन में रहना होगा।

भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक अपवाद स्वरूप या बाध्यकारी कारणों के साथ मानव संकट, गर्भवस्था, परिवार में मृत्यु की दशा में, गंभीर बीमारी और 10 साल से छोटे बच्चों के साथ अभिभावको की जिम्मेदारी राज्य सरकार के मूल्याकंन के आधार पर 14 दिन के होम क्वांरटाइन में रहने की अनुमति दी जा सकती है।

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आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने की सलाह

ऐसे लोगों के लिए आरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल अनिवार्य होगा। इसके अलावा संबंधित एजेंसियां यात्रियों को यात्रा के दौरान की जाने वाली गतिविधियों के बारे में आवश्यक निर्देश देंगी। यात्रियों को अपने मोबाइल फोन पर आरोग्य सेतु एप डाउनलोड़ करने की सलाह दी गई है।

फ्लाइट पर पहुंचने से पहले हर यात्री की थर्मल स्क्रीनिंग की जायेगी और बीमारी के लक्षण नहीं पाए जाने पर ही यात्रा करने की अनुमति होगी। केवल हवाई मार्ग से ही नहीं जलमार्ग या सड़क मार्ग से देश में प्रवेश करने के लिए भी यात्रियों को इन नियमों का पालन करना होगा।

विदेशी यात्रियों को चाहे वह किसी भी मार्ग से आ रहे है, उन्हे दो प्रतियों में स्वघोषित एक फार्म को भरना होगा। इसकी एक प्रति हवाईअड्डों, बंदरगाहों या सड़क मार्ग के बार्डर पर स्थित इमिग्रेशन सेंटर जमा करानी होगी।

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बस-कार को पूरी तरह से सेनेटाइज

यात्रा के दौरान भी यात्रियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा और फेस मास्क पहनना जरूरी होगा। इसके साथ ही कंपनियों को अपने विमान, शिप या बस-कार को पूरी तरह से सेनेटाइज करना होगा।

भारत पहुंचने पर विदेश से आने वाले इन यात्रियों को 7 दिन के लिए सरकारी क्वारंटीन सेंटर में रहना होगा। जिसका खर्च यात्री को स्वयं वहन करना होगा।

गाइडलाइंस के मुताबिक

यहां आईसीएमआर की गाइडलाइंस के मुताबिक इनकी जांच की जायेगी और अगर जांच रिपोर्ट पाजिटिव पायी जाती है तो उनका इलाज किया जायेगा।

इसके अलावा अगर विदेशी यात्री में कोरोना के हल्के लक्षण पाए जाते है तो उसे घर पर ही आइसोलेशन में रहने की मंजूरी दी जा सकती है।

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