अमेरिका को मिनटों में 'राख' कर सकती है ये भारतीय महिला, जानिए क्या है इनके पास

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने दो दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे। उन्होंने अपना दौरा अहमदाबाद से शुरू किया है। ट्रंप के साथ वहां की परमाणु ऊर्जा विभाग...

Update:2020-02-24 18:15 IST

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने दो दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे। उन्होंने अपना दौरा अहमदाबाद से शुरू किया है। ट्रंप के साथ वहां की परमाणु ऊर्जा विभाग की प्रमुख रीता बरनवाल भी भारत पहुंची हैं। दिलचस्प बात यह है कि रीता बरनवाल का पैतृक गांव भारत के उत्तर प्रदेश में है। वो यहीं पैदा हुई हैं।

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दरअसल, रीता वहां परमाणु ऊर्जा विभाग की प्रमुख हैं। रीता के अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ भारत दौरे पर आने की सूचना के बाद उन के पैतृक गांव में खुशी की लहर है। रीता का पैतृक गांव उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के बहादुरपुर गांव में है।

रीता बरनवाल के पिता कृष्ण चन्द्र बरनवाल चार भाई थे

रीता बरनवाल के पिता कृष्ण चन्द्र बरनवाल चार भाई थे, कृष्ण चन्द्र बरनवाल ने आईआईटी खड़गपुर टॉप किया और 1968 में वे पीएचडी करने के लिए अमेरिका चले गए, पीएचडी करने के बाद उन्होंने वहीं पर प्रोफेसर की नौकरी ज्वाइन कर ली, शादी के बाद पत्नी को भी अमेरिका लेकर चले गए।

कृष्ण चन्द्र की तीन बेटियां थी, रीता ने मिशिगन विश्वविद्यालय से पीएचडी की, रीता को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के प्रस्ताव पर जून 2019 में प्रमाणु ऊर्जा विभाग के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था। अब रीता राष्ट्रपति ट्रंप के डेलिगेशन के साथ भारत दौरे पर आ रही हैं।

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उन के भारत दौरे की सूचना के बाद उन के पैतृक गांव बहादुरपुर में खुशी की लहर है, उन की चाची जानकी बरनवाल अपनी भतीजी को याद करके काफी भावुक हैं।रीता के सभी संबंधी और रिश्तेदार काफी खुश हैं और वो रीता को याद कर रहे हैं। उनका कहना है कि कृष्ण चन्द्र बरनवाल हर तीन साल पर घर आते थे और कभी-कभी अपनी बेटी को भी साथ लाते थे, उन को अपने गांव से बहुत लगाव था। कुछ साल पहले ही कृष्ण चन्द्र बरनवाल की मौत हुई है।

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रीता के परिजनों सरकार से मांग की है की रीता को उन के गांव भेजा जाए ताकि लोग उन से मिल सकें। रीता की शादी 21 नवम्बर 1998 में पीटर से शादी हुई थी, इन की शादी हिंदू और क्रिश्चियन रीति रिवाज के साथ हुई थी। बता दें कि सुरक्षा कारणों से ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है कि रीता बरनवाल अपने पैतृक गांव जाएं या वहां के किसी परिजन से मिल पाएं।

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