रांची तक उग्रवादियों की धमक, राजभवन और सीएम आवास के पास लगाया पोस्टर
तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति ज़ोनल कमेटी के नाम से की गई पोस्टरबाज़ी मं पुलिस-प्रशासन से लेकर मंत्री, विधायक और राजनेताओं को खुली चुनौती दी गई है।
रांची: झारखंड की राजधानी रांची भी उग्रवादियों की पहुंच से दूर नहीं रह गई है। हालत ये है कि, राज्य की सबसे मुस्तैद मानी जाने वाली रांची पुलिस के नाक के नीचे उग्रवादियों ने पोस्टरबाज़ी की है। स्थिति की गंभीरता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि, राजभवन और मुख्यमंत्री आवास से महज़ कुछ क़दमों की दूरी पर उग्रवादियों ने पोस्टर चिपका कर पुलिस को खुली चुनौती दी है। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने पोस्टर को हटा दिया है लेकिन उग्रवादियों तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है। इस बारे में पुलिस मीडिया से दूरी बनाकर चल रही है।
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सामंतवाद, साम्राज्यवाद मुर्दाबाद
तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति ज़ोनल कमेटी के नाम से की गई पोस्टरबाज़ी मं पुलिस-प्रशासन से लेकर मंत्री, विधायक और राजनेताओं को खुली चुनौती दी गई है। कमेटी ने जहां सामंतवाद, साम्राज्यवाद और पूंजीवाद मुर्दाबाद के नारे लगाए हैं तो दूसरी तरफ मार्क्सवाद, लेनिनवाद और माओ विचारधारा के समर्थन में ज़िंदाबाद के नारे भी लिखे हैं। टीएसपीसी नामक संगठन के बारे में अबतक कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। हालांकि, राजधानी के आसपास के इलाकों से लगातार इस तरह की पोस्टरबाज़ी की ख़बरे आ रही हैं। पिछले दिनों ही रांची के हेहल क्षेत्र में पोस्टर लगाकर माहौल को अशांत करने की कोशिश की गई है।
रांची पुलिस की चुप्पी
राजधानी के बीचों-बीच उग्रवादी संगठन के द्वारा पोस्टरबाज़ी ने पुलिस की नींद उड़ाकर रख दी है। पोस्टरबाज़ी के स्थान से कुछ ही दूरी पर उपायुक्त, एसएसपी, सिटी एसपी समेत तमाम पदाधिकारी बैठते हैं। ऐसे में पुलिस के लिए भी कुछ कहते नहीं बन रहा है। पुलिस इस बारे में मीडिया से दूरी बनाए हुए है। हालांकि, एक बात तो तय है कि, पोस्टरबाज़ी ने रांची पुलिस की मुस्तैदी को सवालों के घेरे में लाकर रख दिया है। फिलहाल, पुलिस सीसीटीवी फुटेज को खंगालने में लगी है। संगठन के बारे में पुलिस के पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। ऐसे पुलिस भी अंधेरे में तीर चला रही है।
PLFI भी बना सिरदर्द
पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया के उग्रवादियों की धमक भी राजधानी रांची तक पहुंच चुकी है। पिछले दिनों ही रांची से 06 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, पीएलएफआई के सरगना तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है। हाल ही में झारखंड पुलिस मुख्यालय की ओर से संगठन के सरगना दिनेश गोप को लेकर 25 लाख रुपए की इनाम राशि की घोषणा की गई है। संगठन के अन्य उग्रवादियों के बारे में भी सूचना देने पर इनाम देने की बात कही गई है।
नक्सलियों पर करोड़ों का इनाम
झारखंड पुलिस मुख्यालय ने पिछले दिनों 12 वांटेड नक्सलियों की सूची जारी की है। इसमें से 04 नक्सलियों पर एक-एक करोड़ की इनाम राशि की घोषणा की गई है। बाकी नक्सलियों पर 25 लाख से लेकर 10 लाख रुपए तक इनाम देने की बात कही गई है। इनाम राशि के साथ ही पुलिस ने संबंधित अधिकारियों के फोन नंबर भी जारी किए हैं।
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इनाम राशि के भरोसे पुलिस
झारखंड पुलिस उग्रवादियों, नक्सलियों पर इनाम राशि की घोषणा कर चुपचाप बैठ जा रही है। पहले पीएलएफआई और बाद में नक्सलियों पर इनाम राशि की घोषणा कर पुलिस ने अपना काम तमाम समझ लिया है। इस बीच राजभवन और मुख्यमंत्री आवास के पास उग्रवादियों की पोस्टरबाज़ी ने पुलिस को परेशान कर रख दिया है। ऐसे में साफ है कि, पुलिस को इनाम राशि घोषणा करने के बाद चुपचाप नहीं बैठना होगा।
रिपोर्ट- शाहनवाज़
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