नई दिल्ली: दिल्ली के मंडावली इलाके में जुलाई में तीन बच्चियों की भुख से तड़पते हुए मौत हो गई थी। एक निजी न्यूज़ चैनेल ने उस समय इस खबर को प्रमुखता से उठाया था।
क्या है मामला
ये तीनों बच्चियां सगी बहनें थीं। इन्हें कई दिनों से खाना नहीं मिला था। इन बच्चियों की विसरा रिपोर्ट अब आई है। जिनके मुताबिक उनके शरीर कोई ज़हर नहीं मिला है। तीनों बहनों के 2 पोस्टमॉर्टम हुए थे। एक लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में जबकि दूसरा जीटीबी में हुआ था।
आपको बता दें, आठ साल की मानसी, चार साल की शिखा और दो साल की पारुल का शव मंडावली में एक कमरे से बरामद हुआ था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला था कि तीनों की मौत 25 जुलाई को अल सुबह हुई और मौत की वजह थी कुपोषण। पोस्टमार्टम में खाने का एक अंश भी नहीं मिला था। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने बताया था कि बच्चियों को सात-आठ दिन से खाना नहीं मिला था।
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बच्चियों की मां वीणा मानसिक रोगी है। वीणा ने बताया बच्चियों को कई दिन से उल्टियां आ रही थीं। इसलिए खाना नहीं दिया। उनको उल्टी और खांसी हो रही थी। बच्चियों के पिता मंगल सिंह रिक्शा चला रहे थे। इस घटना के कुछ दिन पहले उनका रिक्शा चोरी हो गया तो मकान मालिक ने घर से निकाल दिया। क्योंकि रिक्शा मकान मालिक का था। इसके बाद मंगल के दोस्त नारायण यादव ने उनके परिवार को अपने कमरे में पनाह दी थी।
नारायण यादव ने बताया, जब मंगल को घर से निकाल दिया तो मैं बच्चों को अपने घर ले आया। इसके बाद मंगल काम की तलाश में निकल गए और अब तक उनका पता नहीं चल सका है। इसी बीच तीनों बेटियों की मौत हो गई। पड़ोसियों के मुताबिक उन्हें अगर पता होता कि बच्चियों को खाना नहीं मिल रहा है तो वे जरूर खिलाते।
इस मामले में दिल्ली सरकार ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए थे।