महाराष्ट्र: परभणी में डॉ अंबेडकर की मूर्ति के अपमान पर भड़की हिंसा, पुलिस ने छोड़े आंसू गैस
परभणी में बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्ति के अपमान भड़की भारी हिंसा। प्रदर्शन के दौरान कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालात पर नियंत्रण पाने के लिये पुलिस को आंसू गैस को गोले छोड़ने पड़े।
महाराष्ट्र के परभणी में बुधवार को हिंसा फैल गई, जिसके बाद इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। पथराव और आगजनी की घटनाओं के चलते शहर में सुरक्षा को लेकर चौकसी बढ़ा दी गई है। आज परभणी में बंद बुलाया गया है, जिसके चलते हर स्थान पर भारी पुलिस तैनाती की गई है। इस बीच, अंबेडकर प्रतिमा के सामने रखी संविधान की प्रतीकात्मक पुस्तक को फाड़े जाने का विरोध करते हुए लोग सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की, टायर जलाए और परभणी-नांदेड़ हाइवे को जाम कर दिया। इस दौरान हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए, और कई गाड़ियों और दुकानों को नुकसान पहुंचा। दंगाई और पुलिस के बीच संघर्ष हुआ, जिसके बाद राइट कंट्रोल पुलिस और एसआरपीएफ को तैनात किया गया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि संविधान का अपमान करने वालों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए। हालात पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया। इस मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
मूर्ति अपमान पर बोले प्रकाश अंबेडकर
परभणी में हुई हिंसा पर वंचित बहुजन आघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि परभणी में जातिवादी मराठा उपद्रवियों द्वारा बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा और भारतीय संविधान का अपमान करना अत्यंत निंदनीय है। यह पहली बार नहीं है, जब बाबासाहेब की प्रतिमा या दलित समुदाय के प्रतीकों के साथ इस तरह की तोड़फोड़ की गई हो।
आंबेडकर ने आगे कहा, "वीबीए के कार्यकर्ता परभणी जिले में सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचे और उनके विरोध प्रदर्शन के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की, साथ ही एक उपद्रवी को गिरफ्तार किया। मैं सभी से अपील करता हूं कि कानून और व्यवस्था बनाए रखें। यदि अगले 24 घंटों में सभी उपद्रवियों को गिरफ्तार नहीं किया गया, तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।"