राफेल भारत पहुंचेः बिना रुके तय की 7000 KM की दूरी, वायुसेना में बढ़े लड़ाकू विमान

भारतीय वायुसेना को और मजबूत और ताकतवर बनाने के लिए फ़्रांस से तीन और राफेल लड़ाकू विमान भारत पहुंचाए गए हैं। तीन नए राफेल लड़ाकू विमान नॉन-स्टॉप उड़ान भरते हुए भारत पहुंचे।

Update:2021-01-28 08:46 IST
भारत पहुंचे 3 और राफेल, बिना रुके 7 हज़ार Km की दूरी तय कर आसमान में भरा ईंधन

नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना को और मजबूत और ताकतवर बनाने के लिए फ़्रांस से तीन और राफेल लड़ाकू विमान भारत पहुंचाए गए हैं। तीन नए राफेल लड़ाकू विमान नॉन-स्टॉप उड़ान भरते हुए भारत पहुंचे। इन तरेल के भारत आने के बॉस अब भारत के पास कुल 11 राफेल विमान हो चुके हैं।

बता दें, कि इन राफेल लड़ाकू विमानों ने लगातार उड़ान भरते हुए 7 हज़ार किलोमीटर की दूरी तय की और बीच रास्ते आसमान में ईंधन भरा। इन विमानों ने फ्रांस के इस्त्रे एयर बेस से उड़ान भरी। भारतीय सेना ने राफेल भरने पर UAE की वायुसेना को धन्यवाद किया।

डिलिवरी का तीसरा सेट

राफेल विमानों का ये बैच फ्रांस से खरीदे गए राफेल विमानों की डिलिवरी का तीसरा सेट है। भारतीय वायुसेना ने सितम्बर 2016 में 36 राफेल विमान फ़्रांस से 59 हज़ार करोड़ में खरीदें । 3 राफेल विमानों का दूसरा सेट 2020 नवंबर की शुरुआत में गुजरात के जामनगर पहुंचे थे, जिसके बाद उन्हें अंबाला लाया गया था।

वही पांच राफेल विमानों का पहला सेट 29 जुलाई को अंबाला एयर बेस पहुंचा था। इन पांच विमानों को बाद में औपचारिक तौर पर भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था, कार्यक्रम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल हुए थे।

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23 सालों बाद भारतीय वायुसेना में शामिल

रूस निर्मित सुखोई-30 MKI के जून 1997 में सेना में शामिल हुआ , जिसके बाद राफेल विमान पहला जेट विमान हैं, जिन्हें 23 सालों बाद भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया। राफेल फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन निर्मित दो इंजन वाला मध्यम मल्टी-रोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एमएमआरसीए) है. राफेल लड़ाकू विमानों को 'ओमनिरोल' विमानों के रूप में रखा गया है, जो कि युद्ध में अहम रोल निभाने में सक्षम हैं। राफेल विमान वायु वर्चस्व, हवाई हमला, जमीनी समर्थन, भारी हमला और परमाणु प्रतिरोध ये सारे काम बखूबी कर सकता है।

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बड़ी विमान कंपनियों को छांटा गया था

बता दें, राफेल भारत का एकमात्र विकल्प नहीं था। कई अंतरराष्ट्रीय विमान निर्माताओं ने भारतीय वायुसेना से पेशकश की थी। जिसके बाद 6 बड़ी विमान कंपनियों को छांटा गया। इस लिस्ट में लॉकहेड मार्टिन का एफ -16, बोइंग एफ/ए-18एस, यूरोफाइटर टाइफून, रूस का मिग-35, स्वीडन की साब की ग्रिपेन और रफाले शामिल थे।

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