तीस हजारी कोर्ट केस: मानी गयी पुलिसकर्मियों की सभी मांगे, धरना हुआ खत्म

पिछले 10 घंटे में 6 सीनियरों अफसरों की ओर से प्रदर्शन खत्म करने की अपील के बाद आखिरकार पुलिसकर्मीयों ने अपना धरना प्रदर्शन ख़त्म किया और ट्रैफिक व्यवस्था को बहल किया गया। पुलिसकर्मियों की सभी मांगे मान ली गयी है। निचले कर्मचारियों के लिए  पुलिस एसोसिएशन बनाने की मांग भी मांग भी मान ली गयी हैं इसी के साथ उनकी और भी दूसरी पांच मांगे भी मान ली गयी हैं ।

Update:2019-11-05 12:31 IST

नई दिल्ली: वकीलों और दिल्ली पुलिस के बीच तीस हजारी कोर्ट में शनिवार दोपहर को हुए विवाद ने सोमवार को बड़ा रूप ले लिया । पुलिस हेडक्वार्टर पर जमा पुलिसकर्मियों का बढ़ता विरोध देखकर कमिश्नर अमूल्य पटनायक खुद मौके पर पहुंचे और जवानों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने पुलिसकर्मियों से कहा कि आप सभी कानून (Law) के रखवाले हैं और मैं चाहता हूं आप रखवालों की तरह ही व्यवहार करें।

लाइव अपडेट:-

तीस हजारी कोर्ट, वकील और पुलिस के बीच झड़प का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। मंगलवार सुबह से ही दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर जवानों ने प्रदर्शन शुरू किया और वकीलों के खिलाफ एक्शन की मांग की। मुख्यालय के बाहर सैकड़ों की संख्या में जवान जुटे हैं और नारेबाजी कर रहे हैं। पुलिस कमिश्नर की ओर से जवानों से प्रदर्शन वापस लेने की मांग की गई है, लेकिन जवान हैं कि वापस हटने का नाम नहीं ले रहे हैं।

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जवानों ने की ये मांग

प्रदर्शन कर रहे जवानों की 6 मांग है। जवान चाहते हैं कि निचले कर्मचारियों के लिए भी पुलिस एसोसिएशन हो। निलंबित पुलिस अधिकारियों को बहाल किया जाए। घायल पुलिस अधिकारियों को बेहतर इलाज और मुआवजा मिले। सुप्रीम कोर्ट में HC के आदेश के खिलाफ अपील की जाए साथ ही पुलिसकर्मी के साथ मारपीट करने वाले व्यक्ति की पहचान हो।

वकील-पुलिस झड़प की न्यायिक जांच जारी: गृह मंत्रालय

तीस हजारी कोर्ट मामले में गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि मामले की न्यायिक जांच चल रही है। जांच के निष्कर्ष का इंतजार करना चाहिए। गृह मंत्रालय इस मामले में पूरी नजर बनाए हुए हैं।

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मिला है आश्वासन

वहीं, एसीपी देवेश श्रीवास्तव ने कहा कि शिकायत पर उचित कार्रवाई की जाएगी। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए ही उचित धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। आप प्रदर्शन खत्म करें। घायल पुलिसवालों का बेहतर इलाज कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब हम नौकरी में आते हैं तो हमें अनुशासन का ध्यान रखने की सीख दी जाती है। मैं चाहता हूं कि आप अनुशासन बनाए रखें और पुलिस अफसरों पर भरोसा रखें।

दिल्ली हाई कोर्ट ने बार काउंसिल और दिल्ली बार एसोसिएशन को नोटिस जारी किया है। इस मामले में कल फिर सुनवाई होगी। केंद्र ने आरोपी वकीलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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मानाने को तैयार नहीं धरना पर बैठे पुलिसकर्मी

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट के बाहर 2 नवंबर को पुलिस और वकीलों के बीच हिंसक झड़प का मुद्दा अभी गरमा हुआ है। पुलिस कमिश्नर की ओर से जवानों से प्रदर्शन वापस लेने की मांग की गई है, लेकिन जवान हैं कि वापस हटने का नाम नहीं ले रहे हैं।

स्पेशल पुलिस कमिश्नर आरएस कृष्णा ने प्रदर्शन कर रहे पुलिसकर्मियों से घर जाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि आपकी सभी मांगों पर विचार किया जा रहा है। इस घटना में जो भी पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, उनका इलाज दिल्ली पुलिस कराएगी। साथ ही घायलों को 25 हजार रुपए मुआवजा भी दिया जाएगा। पिछले 10 घंटे में 6 सीनियरों अफसरों की ओर से प्रदर्शन खत्म करने की अपील की गई है।

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अमित शाह से मिले गृह सचिव

बताया जा रहा है कि इस मामले को लेकर गृह सचिव अजय भल्ला गृह मंत्री अमित शाह से मिले हैं। उन्होंने पुलिस और वकीलों के बीच हुए हिंसक झड़प मामले की जानकारी अमित शाह को दी है। साथ ही दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर चल रहे प्रदर्शन से भी अवगत कराया है। वहीं, हेडक्वॉर्टर पर प्रदर्शन कर रहा एक पुलिसकर्मी बेहोश हो गया है, जिसे अस्पताल पहुंचाया गया हैपिछले 10 घंटे में 6 सीनियरों अफसरों की ओर से प्रदर्शन खत्म करने की अपील की गई है

पुलिस मुख्यालय से धरना खत्म, मान ली गयीं सभी मांगें, खोला गया ट्रैफिक

पिछले 10 घंटे में 6 सीनियरों अफसरों की ओर से प्रदर्शन खत्म करने की अपील के बाद आखिरकार पुलिसकर्मीयों ने अपना धरना प्रदर्शन ख़त्म किया और ट्रैफिक व्यवस्था को बहल किया गया। पुलिसकर्मियों की सभी मांगे मान ली गयी है। निचले कर्मचारियों के लिए पुलिस एसोसिएशन बनाने की मांग भी मांग भी मान ली गयी हैं इसी के साथ उनकी और भी दूसरी पांच मांगे भी मान ली गयी हैं ।

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कानून व्यवस्‍था हमारी जिम्मेदारी है और हम इसे हमेशा सही से निभाते आए हैं-कमिश्नर

उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्‍था (Law and order) को बनाए रखें। यह हमारी जिम्मेदारी है और हम इसे हमेशा सही से निभाते आए हैं। उन्होंने सभी जवानों से काम पर लौटने की अपील की। वहीं गुस्साए पुलिसकर्मियों ने कमिश्नर के इस्तीफे की भी मांग कर डाली। जब कमिश्नर की बात भी पुलिसकर्मियों ने नहीं मानी तो गृह मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया और इस पूरे मामले को सुलझाने की जिम्मेदारी एलजी अनिल बैजल को सौंप दी निचले कर्मचारियों के लिए भी पुलिस एसोसिएशन हो।

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पुलिसकर्मी आईटीओ स्थित पुलिस मुख्यालय पर हाथ पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन कर रहे हैं और मांग की है कि पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक उनसे मिलकर उनके साथ इंसाफ करें। बता दें कि कुछ दिनों में पुलिसकर्मियों पर वकीलों के हमले के कई वीडियो सामने आ चुके हैं। जिस तरह से वकील वीडियो में पुलिसकर्मियों पर हमला बोल रहे हैं, उससे पूरा विभाग काफी नाराज है।

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तीस हजारी कोर्ट के बाद कई जगह हुई मारपीट

मालूम हो, तीस हजारी कोर्ट से हुई हिंसा के बाद देश के कई हिस्सों में मारपीट के मामले सामने आए। यही नहीं, तीस हजारी कोर्ट से हुई हिंसा के बाद ऐसे ही मामले देश के कई कोर्टों से सामने आए। सोमवार को दिल्ली के साकेत और कड़कड़डूमा कोर्ट के अलावा प्रयागराज में भी पुलिसवालों को पीटने की घटनाएं हुईं।

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यही नहीं, कानपुर से भी ऐसी वारदात सामने आई। वहीं, तीस हजारी कोर्ट में अधिवक्ताओं पर बर्बरतापूर्ण किए गए जानलेवा हमले के विरोध में सोमवार को हाईकोर्ट के वकीलों ने न्यायिक कार्य नहीं किया। पुलिस द्वारा की गई हिंसक कार्रवाई के विरोध में इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता आज पूरी तरह से न्यायिक कार्य से विरत रहे। वकीलों के कार्य बहिष्कार के चलते हाईकोर्ट में न्यायिक कार्य प्रभावित रहा। इस मामले को लेकर अब रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट किया है।



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