टूलकिट केस: शांतनु-निकिता और शुभम को राहत, दिल्ली पुलिस संग बनी ये सहमति

दिल्ली पुलिस से सहमति के बाद तीनों आरोपी निकिता जैकब, शांतनु मुलुक और शुभम कर चौधरी ने सोमवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से अपनी अग्रिम जमानत की अर्जी वापस ले ली है।

Update: 2021-03-15 14:53 GMT

दिल्ली: किसान आंदोलन के बीच उठे टूलकिट मामले में आरोपियों को राहत मिल गई है। दिल्ली पुलिस से सहमति के बाद तीनों आरोपी निकिता जैकब, शांतनु मुलुक और शुभम कर चौधरी ने सोमवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से अपनी अग्रिम जमानत की अर्जी वापस ले ली है। तीनों ने दिल्ली पुलिस से ये आश्वासन लिया है कि जब भी उनकी गिरफ्तारी जरुरी होगी, तो उन्हें 7 दिन पहले नोटिस देकर पहले से गिरफ्तारी की सूचना दी जाएगी।

निकिता जैकब, शांतनु मुलुक और शुभम चौधरी ने अग्रिम जमानत अर्जी वापस ली

दरअसल, पिछले दिनों दिल्ली की एक अदालत ने टूलकिट मामले में शांतनु मुलुक और निकिता जैकब द्वारा बनाई गई 'टूलकिट' को लेकर अग्रिम जमानत की अर्जी पर सुनवाई तो स्थगित कर दी, लेकिन कोर्ट ने उनकी अंतरिम सुरक्षा बढ़ाने के लिए आदेश दिया कि सुनवाई की अगली तारीख तक जैकब और मुलुक दोनों के खिलाफ कोई भी कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी।

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दिल्ली पुलिस संग बनी सहमति

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने दोनों की अग्रिम जमानत याचिका पर एक साथ सुनवाई के बाद मामले को स्थगित कर दिया। अगली सुनवाई 15 मार्च यानी आज होनी थी। आज सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने निकिता जैकब, शांतनु मुलुक और शुभम कर चौधरी की अग्रिम जमानत अर्जी का निपटारा कर दिया। दिल्ली पुलिस और आरोपियों के बीच गिरफ्तारी को लेकर बनी सहमति के बाद अदालत ने यह आदेश पारित किया।

गिरफ्तारी के 7 दिन पहले पुलिस देगी नोटिस

गौतरलब है कि शांतनु और निकिता दोनों को 16 और 17 फरवरी को बॉम्बे हाईकोर्ट ने क्रमशः दस दिन और तीन सप्ताह की ट्रांजिट अंतरिम राहत दी थी। इसकी समयसीमा समाप्त होने को ध्यान में रखकर उन्होंने अग्रिम जमानत की अर्जी दायर की।

दावा -निकिता और शांतनु पुलिस जांच में कर रहे सहयोग

निकिता जैकब और शांतनु पुलिस से सहयोग कर रहे हैं। 22 फरवरी को टूलकिट एफआईआर के संबंध में वह जांच में शामिल हुए थे। वहीं मामले में पूछताछ के उद्देश्य से दिल्ली पुलिस के साइबर सेल के द्वारका कार्यालय के समक्ष भी दोनों उपस्थित थे।

शुभम कर चन्धुरी को 10 दिनों की अग्रिम जमानत

टूल किट से जुड़े एक मामले में ही गोवा निवासी "एक्सटिन्सन रिबेलियन" संगठन के सदस्य सुभम कर चन्धुरी को बाम्बे हाई कोर्ट 10 दिनों की अग्रिम जमानत दे चुका है। चन्धुरी ने कहा था कि उसने "एक्सटिन्सन रिबेलियन" संगठन के लिए स्वेच्छा से काम किया है और वर्तमान में इसका दक्षिण एशिया लायसन है। उसने यह भी कहा था कि शांतनु मुलुक और नितिका जैकब का भी उक्त संगठन के स्वयंसेवक होने के नाते संबंध हैं।

'टूलकिट' बनाने की साजिश का चन्धुरी ने ही लगाया था आरोप

चन्धुरी ने ही यह भी कहा था कि निकिता जैकब, शांतनु मुलुक और दिशा रवि ने कथित रूप से ऑनलाइन "टूलकिट" बनाने की साजिश रची थी, उसने इसे बनाने में किसी भी भूमिका से इनकार किया गया था।

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लेकिन टूलकिट मामले की पहली आरोपी दिशा रवि को मौजूदा जज द्वारा सबूतों की कमी को देखते हुए जमानत दी गई। जज ने दिशा रवि को जमानत देते हुए कहा था,"मुझे जमानत देने से इनकार करने का कोई ठोस कारण नहीं मिला।"

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