उड़ेंगे चीन-पाकिस्तान: भारत की ये 5 खतरनाक हथियार,तबाह कर देंगे सब कुछ

ड्रैगन भारत को समुद्र के रास्ते से घेरना चाहता है, जिसे नाकाम करने के लिए भारत ने चीन को समुद्र में ही धाराशाही करने के लिए आईएनएस विक्रमादित्य और कोलकाता के क्लास डेस्ट्रोयर्स को बैठाया है।

Update: 2020-11-02 10:17 GMT
ग्लोबल टाइम्स ने यह भी दावा किया कि सेना को हटाने की योजना के मुताबिक, संघर्ष वाले बिंदू से सबसे पहले भारत को अपनी सेना को हटाना होगा।

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच बढ़ी तनातनी को लेकर रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने अपने सुपर पावर हथियारों की टेस्टिंग करना शुरू कर दिया है। भारत के तीनों सेना दल (वायु सेना, थल सेना और जल सेना) युद्ध को मद्देनजर रखते हुए लगातार लेटेस्ट हथियार लॉन्च कर रहे हैं, जो लेजर युक्त हथियार हैं। आत्म निर्भर की मुहिम को आगे बढ़ाते हुआ सेनाओं ने बीते दो महीने में एक दर्जन से ज्यादा मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है। जिसमें एंटी-शिप मिसाइल और ब्राह्मोस मिसाइल जैसे अन्य हथियार शामिल हो गए हैं। आइए आपको बताते है भारत के वो टॉप 5 के हथियारों के बारें में, जो चीन के लिए गले की हड्डी बनी हुई है....

भारत के टॉप 5 हथियार में शामिल है आईएनएस विक्रमादित्य और कोलकाता के क्‍लास डेस्‍ट्रोयर्स

ड्रैगन भारत को समुद्र के रास्ते से घेरना चाहता है, जिसे नाकाम करने के लिए भारत ने चीन को समुद्र में ही धाराशाही करने के लिए आईएनएस विक्रमादित्य और कोलकाता के क्लास डेस्ट्रोयर्स को बैठाया है। आपको बता दें कि इसमें 6एएसडब्ल्यू/एईडब्ल्यू के हेलीकॉप्टरों को रखने की क्षमता है। साथ ही 24 मिग -29 K लड़ाकू विमानों को तैनाती करने में भी सक्षम है। बता दें कि यह युद्धपोत भारत के लिए हिंद महासागर का सबसे शक्तिशाली जहाज है, जो 74,000 टन तक का भार सहन करने की क्षमता है। इसमें चार गैस टर्बाइन जनरेटर होते है, इसके अलावा एक डीजल आल्टरनेटर होता है। इन सभी को मिलाकर यह 4.5 मेगावाट बिजली पैदा कर सकता है। वहीं इस युद्धपोत पर 350 से ज्यादा लोगों को तैनात किये जा सकते है।

वहीं इस युद्धपोत में अत्यधिक सटीकता के साथ लगभग 300 किमी की दूरी से जहाजों को मारने में सक्षम है। प्राथमिक एसएएम बराक-8 सतह से हवा में मारने वाली मिसाइल (LRSAM) है। यह हल्की और सटीक निशाने वाली आधुनिक मिसाइल है। यह 90 किमी दूर तक लक्ष्य को भेद सकती है। इस जहाज में एंटी-सबमरीन रॉकेट लॉन्चर, टारपीडो ट्यूब, 76 मिमी मुख्य बंदूक, 30 मिमी गैटलिंग बंदूकें और एक दोहरी हेलीकॉप्टर हैंगर भी है।

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भारत के टॉप 5 हथियार में शामिल है PHALCON AWACS

भारत के खतरनाक हथियारों में चौथे नंबर पर आता है- एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम( AWACS)। इसमें एक इज़राइली एल्टा ईएल / डब्ल्यू -2090 रडार भी शामिल है। यह रडार 360 ° सक्रिय इलेक्ट्रॉनिकली स्क्रीनिंग करने में महारत हासिल की है। E-3 संतरी जैसे जाने-माने सिस्टम की तुलना में यह लक्ष्य को 10 गुना तेजी से ट्रैक करने की अनुमति देता है। इसमें एक एकीकृत IFF प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक काउंटर मेजर्स (ECM) और ECCM स्व-सुरक्षा, इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस (ELINT) के लिए दुश्मन रडार और निगरानी संचार और SatCom सिस्टम के बारे में डेटा एकत्र करने के लिए सक्षम है।

भारतीय वायु सेना को मजबूती देने वाला फाल्कन भारत के लिए एक अमूल्य संपत्ति हैं। वे 500 किमी दूर के लक्ष्यों का पता लगा सकता है। इस तरह की सुविधा पहाड़ और रेगिस्तानी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। वे एक साथ 100 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकता है।

भारत के टॉप 5 हथियार में शामिल है INS CHAKRA

अगर बात करें INS CHAKRA की तो इसे 10 साल के लिए रूस से द्वितीय श्रेणी के एसएसएन हासिल करने के बाद, भारतीय नौसेना ने अपने वाहक और विध्वंसक के लिए पानी के नीचे एस्कॉर्ट सर्विस देने में सक्षम है।

 

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टॉप 2 पर है भारत का ब्राह्मोस मिसाइल

30 सितंबर 2020 को भारत ने ब्राह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत है कि यह किसी भी सतह से वार करने में सक्षम है। इस हथियार को भारतीय सुरक्षा बलों की रीढ़ की हड्डी कहा जाता है। साथ ही इसे वर्तमान उत्पादन दर को प्रति वर्ष 100 मिसाइल के नाम से भी पुकारा जाता है।

इस मिसाइल को भारतीय सेना ने 3 रेजिमेंट में शामिल किया है। इसका वजन 2.5 टन कम है और 1 मिसाइल को SU-30MKI के के साथ ले जाया जा सकता है।

 

भारत का सुपर पावर Weapons है SU-30MKI

SU-30MKI ने 21 वीं सदी में भारतीय वायु सेना को एक नई पहचान दी है। इस SU-30MKI में I”’का मतलब भारत है। इस अद्भुत लड़ाकू विमान की क्षमता और बहुमुखी प्रतिभा का एहसास करने के बाद, IAF ने 272 विमानों के लिए एक आदेश दिया, जो भारत को दुनिया में सबसे बड़ा Su-30 ऑपरेटर बनाता है। इस लड़ाकू विमान में 4000 किमी से ज्यादा रेंज है। साथ ही 8000 हार्ड हथियारों के लिए 12 हार्ड पॉइंट, पेसा बार्स राडार की क्षमता है। वर्तमान में इसका उपयोग हवाई रक्षा और जमीनी हमले के लिए किया जाता है।

हाल ही में भारतीय वायुसेना ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है, इस परीक्षण में बंगाल की खाड़ी को निशाना बनाया गया था।

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