वाहन चालकों के लिए जरूरी खबर: बदल गए ट्रैफिक नियम, भूलकर भी न करें ये गलती

1 अक्टूबर यानी गुरुवार से ट्रैफिक के नियम बदल गए हैं। अब अगर आपको ट्रैफिक पुलिस रोकती है तो डिजिटल डॉक्यूमेंट्स दिखाकर आप जा सकते हैं। अब वाहन के साथ में ड्राइविंग लाइसेंस समेत सभी तरह के डॉक्यूमेंट्स साथ रखने की अनिवार्यता नहीं होगी।

Update: 2020-10-01 05:36 GMT
पुलिस के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों के अनलॉकडाउन में लगभग 50,000 से भी अधिक मोटरसाइकिल और स्कूटर चालकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

लखनऊ: 1 अक्टूबर यानी गुरुवार से ट्रैफिक के नियम बदल गए हैं। अब अगर आपको ट्रैफिक पुलिस रोकती है तो डिजिटल डॉक्यूमेंट्स दिखाकर आप जा सकते हैं। अब वाहन के साथ में ड्राइविंग लाइसेंस समेत सभी तरह के डॉक्यूमेंट्स साथ रखने की अनिवार्यता नहीं होगी।

दरअसल अब अगर किसी वाहन संबंधी डॉक्युमेंट्स का डिजिटल वैलिडेशन पूरा हो चुका है तो उन्हें फिजिकल रूप में कोई डॉक्युमेंट्स दिखाने की आवश्यकता नहीं है। सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए मोटर वाहन नियम, 1989 में संशोधन किया है। इसके तहत अब मंत्रालय की तरफ से 1 अक्टूबर 2020 यानी गुरुवार से बदले हुए नियम लागू किए गए हैं।

अब आपको अपने किसी वाहन के साथ आवश्यक दस्तावेज साथ लेकर चलने की आवश्यकता नहीं होगी। इनमें मामले भी शामिल होंगे, जिसमें नियमों में उल्लंघन के बाद डॉक्युमेंट्स ज़ब्त करने की आवश्यकता होती है। अब ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों को ई-चालान भी सरकार के डिजिटल पोर्टल के माध्यम से जारी किया जाएगा।

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अगर अब कोई ऐसा मामला सामने आता है जिसमें नियमों का पालन नहीं करने की स्थिति में किसी ड्राइवर का लाइसेंस रद्द करने की जरूरत पड़ती है तो अथॉरिटीज को इस बारे में डिजिटल पोर्टल पर रिपोर्ट करना होगा। इसके बाद पोर्टल पर जानकारी अपडेट हो जाएगी।

वाहन चालक अब अपनी गाड़ी से संबंधित डॉक्यूमेंट्स Digi-locker या m-parivahan में स्टोरेज कर सकते हैं, और आवश्यकता होने पर डिजिटल माध्यम से दिखाने की छूट होगी। यानी अब ट्रैफिक पुलिसकर्मी हार्ड कॉपी की मांग नहीं करेंगे।

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नये सिस्टम से नहीं बच पाएगा कोई

नियमों का पालन नहीं करने वालों का रिकॉर्ड इलेक्ट्रॉनिक रूप से मेंटेन किया जाएगा। अब अथॉरि​टीज ड्राईवर के व्यवहार तक को मॉनिटर कर सकती है। सिर्फ ड्राईवर ही नहीं बल्कि जांच का टाइम स्टैम्प, पुलिस अधिकारी का यूनिफॉर्म समेत पहचान पत्र का रिकॉर्ड भी पोर्टल पर अपडेट किया है। इसके दायरे में अधिकृत अधिकारी भी आएंगे। दरअसल, सरकार की मंशा है कि किसी भी वाहन की चेकिंग बार-बार नहीं की जाए और ड्राइर्वस को भी किसी भी तरह के उत्पीड़न से बचाया जा सके।

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जानिए कब कर सकते हैं फोन का इस्तेमाल

मंत्रालय की तरफ से ड्र्राईविंग के दौरान मोबाइल फोन्स के इस्तेमाल करने के नियमों में भी संशोधन किया गया है। अब ड्राईविंग के दौरान मोबाइल फोन्स या अन्य हैंडहेल्ड डिवाईस का इस्तेमाल सिर्फ रूट नैविगेशन के लिए ही वाहन चालक कर सकते हैं। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा रूट नैविगेशन के समय पूरा ध्यान ड्राईविंग पर ही रहे। इसके अलावा फोन के इस्तेमाल करने पर जुर्माना भरना पड़ सकता है। ड्राइविंग के दौरान फोन पर बात करते हुए पकड़े जाने पर 1,000 रुपये से लेकर 5,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।

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