नई दिल्ली : अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को कहा कि तीन तलाक का मुद्दा धर्म से नहीं, बल्कि सामाजिक सुधार से जुड़ा हुआ है। नकवी ने कहा कि मोदी सरकार तीन तलाक पर कानून बनाने के लिए सभी राजनीतिक दलों से राय-मशविरा करेगी।
नकवी ने मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एकसाथ तीन बार 'तलाक' कहकर विवाह विच्छेद करने पर रोक लगाए जाने के फैसले की सराहना की।
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सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को मुस्लिम समुदाय में प्रचलित एकसाथ तीन तलाक को 'असंवैधानिक' और 'मनमाना' करार दिया और कहा कि यह 'इस्लाम का हिस्सा' नहीं है।
सर्वोच्च न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने दो के मुकाबले तीन मतों से दिए अपने फैसले में कहा कि तीन तलाक को संवैधानिक संरक्षण प्राप्त नहीं है।
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न्यायालय का फैसला आने के बाद नकवी ने कहा, "हमें रूढ़िवादी रवैया नहीं अपनाना चाहिए, बल्कि हमें सामाजिक कुरीतियों के प्रति सुधारवादी रवैया अपनाना चाहिए। करीब पिछले दो साल से इस मुद्दे पर राष्ट्रीय स्तर पर बहस छिड़ी हुई है। नरेंद्र मोदी की सरकार हमेशा से लैंगिक बराबरी की हिमायती रही है।"
नकवी ने कहा कि मोदी सरकार शुरू से इस 'सामाजिक बुराई' के खिलाफ थी और इससे पहले सती प्रथा और बाल विवाह को लेकर हुए सामाजिक सुधार हमारे समाज में लागू हो चुके हैं।