TripleTalaq : फेल साबित हुआ तीन तलाक इनके लिए, उठाया खौफनाक कदम
आपको बता दें तीन तलाक बिल पास होने के अगले ही दिन गुजरात से एक हैरान वाला मामला आया है। अहमदाबाद में तीन तलाक मिलने के बाद विवाहिता ऐसी टूट गयी की उसने अताम्हात्या करने की कोशिश की है।
अहमदाबाद : कल रात तीन तलाक को अपराध बनाने वाला बिल राज्यसभा में भी पास हो गया। साथ ही संसद ने इस बिल से इतिहास रच दिया और मुस्लिम महिलाओं के लिए ये बिल वरदान साबित हुआ है लेकिन इस बिल के पास होने के बाद अहमदाबाद से जो खबर आ रही है इससे पता चलता है की इस पर कितना अमल हो रहा है। बता दें कि एक मियां ने अपनी बेगम को तीन तलाक दे दिया जिसके बाद जो हुआ वो काफी हैरान करने वाला है।
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आपको बता दें तीन तलाक बिल पास होने के अगले ही दिन गुजरात से एक हैरान वाला मामला आया है। अहमदाबाद में तीन तलाक मिलने के बाद विवाहिता ऐसी टूट गयी की उसने अताम्हात्या करने की कोशिश की है।
जानकारी के मुताबिक, पीड़िता की हालत गंभीर बनी हुई है। अहमदाबाद के अस्पताल में उस पीड़िता का चल रहा है इलाज। वहीँ पीड़िता ने अपने पति और ससुरालवालों के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज करा दी है और पुलिस अब इस मामले की जांच में जुट गयी है।
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हालांकि कल रात एक लंबी लड़ाई के बाद संसद के ऊपरी सदन से तीन तलाक बिल पास हो गया है। लोकसभा से ये बिल पहले ही पास हो चुका था, बस अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर का इंतजार है और फिर देश में तीन तलाक देना अपराध हो जाएगा।
मंगलवार को पास हुआ था तीन तलाक बिल
तीन तलाक बिल के कानून बन जाने के बाद देश में तीन तलाक देना अपराध हो गया है। अब ट्रिपल तलाक देने पर पति को अधिकतम 3 साल की सजा हो सकती है। बिल के अनुसार अब पीड़िता पत्नी या फिर उसका कोई रिश्तेदार FIR दर्ज करा सकते हैं। तीन तलाक का मामला गैर ज़मानती होगा और संज्ञेय अपराध माना जाएगा।
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बिल में तीन तलाक को गैर कानूनी बनाते हुए 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान शामिल किया गया है। लोकसभा से यह बिल बीते 26 जुलाई को यह बिल पास हो चुका था। राज्यसभा में चर्चा के दौरान बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेडीयू, एआईएडीएमके, टीआरएस पीडीपी और बीएसपी ने सदन बिल का विरोध करते हुए सदन से वाॅकआउट कर गईं। इन सभी पार्टियों ने बिल पर वोटिंग से पहले ही राज्यसभा से वाॅकआउट कर दिया। राज्यसभा में विपक्ष के बिखराव का फायदा सरकार को मिला है।
जाने क्या कहा केंद्रीय कानून मंत्री ने
इस बिल चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सांसदों का आभार जताते हुए कहा कि पैगम्बर साहब ने हजारों साल पहले इसे गलत बता दिया था, लेकिन हम 2019 में इस पर बहस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग 'लेकिन' के साथ तीन तलाक को गलत बता रहे हैं, क्योंकि ये लोग इसे चलने देना चाहते हैं।
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प्रसाद ने कहा कि गुलाब नबी जी अपनी पार्टी के अच्छे काम भी भूल गए। उन्होंने कहा कि दहेज कानून को गैर जमानती बनाया तब किसी के जेल जाने की चिंता क्यों नहीं हुई। आपकी ओर से प्रगतिशील कानून लाए गए उनका विरोध नहीं हुआ, लेकिन शाहबानो के मामले में कांग्रेस के पैर क्यों हिलने लगते हैं, इसका जवाब आजाद साहब को देना चाहिए।
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इससे पहले कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह बिल डिस्ट्रक्शन ऑफ मुस्लिम मेन बिल है। इस बिल के जरिए किसी मुसलमान पुरुषों को प्रताड़ित करने का तरीका निकाला जा रहा है। अपने ही हाथों अपना घर जलाने की कायवाद की जा रही है।