नई दिल्लीः बुधवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है। इस सत्र में नोटबंदी और वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) को लेकर सरकार को विपक्ष के बीच गरमागरमी के पूरे आसार हैं। विपक्ष के तेवर तीखे हैं। वहीं, सरकार और इसके मुख्य घटक बीजेपी ने तय किया है कि विपक्ष के हमले से निपटने के लिए ज्यादा हमला करने की नीति अपनाई जाएगी।
बीजेपी ने क्या तय किया?
सोमवार को बीजेपी संसदीय दल की बैठक हुई। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने हिस्सा लिया। शाह ने सांसदों से कहा कि विपक्ष इस बार संसद में ओआरओपी और नोटबंदी को लेकर हमलावर रहेगा। ऐसे में उसका सटीक जवाब दिया जाना चाहिए। पीएम मोदी ने भी सांसदों से कहा कि नोटबंदी पर देश का बड़ा तबका सरकार के साथ है। ऐसे में विपक्ष के हमलों का सटीक और ज्यादा ताकत से जवाब दिया जाए। वहीं, सरकारी सूत्रों के मुताबिक केंद्र किसी भी सूरत में नोटबंदी का फैसला वापस नहीं लेगा। बता दें कि सपा, कांग्रेस और बीएसपी समेत पूरा विपक्ष इसकी मांग कर रहा है।
विपक्ष ने क्या तय किया?
विपक्ष ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद अपना रुख साफ कर दिया। बैठक के बाद कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि नोटबंदी से लोगों को हो रही दिक्कत पर विपक्ष चुप नहीं रहेगा। विपक्ष नियम 56 और 193 के तहत संसद में चर्चा की मांग करने जा रहा है। कांग्रेस इसके साथ ही ओआरओपी और एक पूर्व फौजी की खुदकुशी को भी मुद्दा बनाएगी। मध्य प्रदेश में सिमी आतंकियों की मुठभेड़ और एक न्यूज चैनल पर बैन को लेकर भी विपक्ष हमलावर रहेगा।