Jammu and Kashmir: पाकिस्तान की गोलीबारी में बीएसएफ के दो जवान घायल, शांति समझौते के बाद सीजफायर उल्लंघन की ये पहली घटना
Jammu and Kashmir: बीएसएफ द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, घटना सुबह सवा आठ बजे के करीब की है। दोनों घायल जवानों को फौरन अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका उपचार जारी है।
Jammu and Kashmir: जम्मू कश्मीर स्थित भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनात बीएसएफ के दो जवान दुश्मन देश की ओर से अचानक हुए गोलीबारी में घायल हो गए। पाक रेंजर्स की ओर से भारतीय जवानों पर फायरिंग की गई। बीएसएफ द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, घटना सुबह सवा आठ बजे के करीब की है। दोनों घायल जवानों को फौरन अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका उपचार जारी है। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
साल 2021 में दोनों देशों के बीच हुए युद्धविराम समझौते के बाद अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर गोलीबारी की ये पहली घटना है। बीते दो सालों से दोनों देश इस समझौते का सख्ती से पालन कर रहे थे, जिसे रिश्तों में जारी तनाव के बावजूद एक बड़ी कामयाबी के तौर पर देखा जा रहा था। उस समझौते के बाद से पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघन की ये पहली घटना है।
भारत ने भी दिया मुंहतोड़ जवाब
पाकिस्तानी रेंजर्स की ओर से की गई गोलीबारी का बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) की ओर से भी मुंहतोड़ जवाब दिया गया। भारतीय पक्ष की ओर से आई तीखी प्रतिक्रिया के बाद पाक रेंजर्स ने फायरिंग रोक दी। सेना के अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को दो जवान इंटरनेशनल सीमा के नजदीक बिजली के खंभे पर चढ़कर लाइट ठीक कर रहे थे, तभी अचानक पाक रेंजर्स ने उन्हें निशाना बनाते हुए गोलीबारी शुरू कर दी।
कब हुआ था युद्धविराम समझौता ?
जम्मू कश्मीर से धारा 370 को निष्प्रभावी किए जाने के बाद से भारत और पाकिस्तान के रिश्ते बिल्कुल ठंडे पड़ गए हैं। पाकिस्तान अब भी जम्मू कश्मीर का मुद्दा तमाम अंतरराष्ट्रीय फोरमों से उठाने की कोशिश करता है। ऐसे तनावपूर्ण संबंधों के बावजूद दोनों देशो के बीच 25 फरवरी 2021 को युद्धविराम समझौता हुआ था। दोनों देशों ने घोषणा की थी कि वे जम्मू कश्मीर और अन्य क्षेत्रों में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर युद्धविराम के सभी समझौतों का सख्ती से पालन करेंगे। इस समझौते से पहले 2020 में सीमा पर दोनों पक्षों के बीच जबरदस्त गोलीबारी हुई थी। जिससे दोनों तरफ नागरिक आबादी को काफी नुकसान उठाना पड़ा था।
बता दें कि भारत-पाकिस्तान के बीच 3323 किमी लंबी सीमा है। जिसमें से 221 किमी अंतरराष्ट्रीय सीमा और 740 किमी एलओसी (लाइन ऑफ कंट्रोल) जम्मू कश्मीर में आती है।