महबूबा के बयान पर भाजपा का बड़ा हमला, सेक्युलर लॉबी की चुप्पी पर उठाए सवाल

भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने महबूबा के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर तथाकथित सेक्युलर लॉबी की चुप्पी भी आश्चर्य में डालने वाली है।

Update: 2020-10-24 15:52 GMT

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती के तिरंगे संबंधी बयान पर सियासत गरमा गई है। महबूबा के कश्मीर के अलावा कोई झंडा न उठाने संबंधी बयान के खिलाफ कई स्थानों पर प्रदर्शन के साथ ही भाजपा ने इसे लेकर महबूबा पर बड़ा हमला बोला है।

भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने महबूबा के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि इस मुद्दे पर तथाकथित सेक्युलर लॉबी की चुप्पी भी आश्चर्य में डालने वाली है। उन्होंने कहा कि देश में छोटी घटना होने पर भी भाजपा के खिलाफ झंडा लेकर खड़ा हो जाने वाले लोग महबूबा के इतने बड़े राष्ट्र विरोधी बयान पर भी चुप्पी साधे बैठे हैं।

कभी नहीं होगी अनुच्छेद 370 की वापसी

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत के तिरंगे का अपमान करने वाले महबूबा मुफ्ती के बयान की जितनी भी निंदा की जाए वह कम है। उन्होंने कहा कि तिरंगा पूरे देश का झंडा है और जम्मू कश्मीर भारत का अविभाज्य अंग है। ऐसे में जम्मू-कश्मीर सहित देश में रहने वाले सभी लोगों को अपने प्यारे तिरंगे का सम्मान करना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने की प्रक्रिया पूरी तरह संवैधानिक थी और अब किसी भी सूरत में 370 की वापसी नहीं होने वाली है। उन्होंने कहा कि भाजपा महबूबा मुफ्ती के इस बयान के खिलाफ है और उसकी आलोचना करती है मगर तथाकथित सेक्युलर लॉबी को जवाब देना चाहिए इतनी बड़ी राष्ट्र विरोधी टिप्पणी पर वह खामोश क्यों बैठी हुई है।

सत्ता से बाहर होते ही पाक का यशगान

रविशंकर प्रसाद से पहले केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी महबूबा के बयान की आलोचना करते हुए कहा था कि सत्ता में आने के दौरान ये भारत माता की जय कहते हुए शपथ ग्रहण करते हैं मगर सत्ता से बेदखल होने के बाद पाक की सेवा में जुट जाती हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के नेताओं ने अपनी सुविधाओं के हिसाब से परिभाषा गढ़ना शुरू कर दिया है।

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वे जब तक सत्ता में रहते हैं तब तक तो भारत की बात करते हैं मगर सत्ता से बाहर जाते ही वे जम्मू-कश्मीर की एकता और अखंडता पर सवाल खड़े करना शुरू कर देते हैं।

महबूबा के इस बयान पर खड़ा हुआ विवाद

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को अपने एक बयान से देश में सियासी तूफान खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि वे कश्मीर के अलावा कोई भी झंडा नहीं उठाएंगी।

महबूबा ने कहा कि जिस वक्त हमारा झंडा वापस आएगा, उसके बाद हम उस झंडे को भी उठाने के लिए तैयार होंगे। लेकिन इसके साथ ही यह भी ख्याल रखना चाहिए कि जब तक हमारा झंडा वापस नहीं आ जाता है तब तक हम किसी और झंडे को उठाने के लिए तैयार नहीं है।

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वहीं महबूबा का यह भी कहना है कि पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लेयरेशन मिलकर इस बात का फैसला लेगा कि केंद्र शासित क्षेत्र में चुनाव लड़ना है या नहीं।

महबूबा के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत

इस बीच महबूबा के बयान के खिलाफ दिल्ली पुलिस के पास शिकायत भी पहुंच गई है। दिल्ली के एक वकील ने महबूबा के बयान पर आपत्ति जताते हुए दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।

वकील विनीत जिंदल ने दिल्ली पुलिस को दी गई शिकायत में कहा है कि महबूबा मुफ्ती चुनी गई भारत सरकार के खिलाफ भड़काऊ और अपमानजनक बयान देने में जुटी हुई है। उन्होंने दिल्ली पुलिस से इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है। उनका कहना है कि महबूबा का बयान देश विरोधी है और समुदायों के बीच नफरत और अशांति फैलाने वाला है।

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