रोज 10 हजार ब्रेड पकौड़ा और एक टन चाय, पढ़ें किसान आन्दोलन से जुड़ी रोचक बातें

किसानों के बीच से 40 लोगों को चुना गया है। जो रोज हजारों लोगों के लिए नाश्ता तैयार करते हैं। कुलवंत ने बताया कि दिन में कई ऐसे लोग भी आते हैं जो अपनी मर्जी से यहां सेवा देते हैं।

Update:2021-01-02 14:03 IST
किसानों की थकान दूर करने के लिए यहां पर दिन भर चाय वितरित की जाती है। चाय को तैयार करने के बाद उसे 300 किलो के टैंक में भर दिया जाता है।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आन्दोलन का आज 38वां दिन है। कड़ाके की ठंड के बीच किसान अपनी मांगों पर डटे हुए हैं, सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन जारी है।

किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाएगी। वे वापस अपने घर लौटकर नहीं जाएंगे। सरकार के साथ दो मुद्दों पर सहमति बन चुकी है और बाकी मुद्दों पर आठवें दौर की बैठक में बात होगी।

तो आइये आज हम आपको किसान आन्दोलन से जुड़ी कुछ रोचक बातें बताने जा रहे हैं। जो इसके पहले आपने किसी भी आन्दोलन में न तो सुनी होंगी और न ही देखी होगी।

रोज 10 हजार ब्रेड पकौड़ा और एक टन चाय, पढ़ें किसान आन्दोलन से जुड़ी रोचक बातें(फोटो:सोशल मीडिया)

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200 लीटर डीजल से रोज 10 हजार ब्रेड पकौड़े और एक टन बनती है चाय

दिल्ली बॉर्डर आज मिनी पंजाब में तब्दील हो गया है। सिंघु बॉर्डर पर जहां तक नजर जाती है केवल किसान ही किसान दिखाई पड़ रहे हैं। जाहिर सी बात है बड़ी तादाद में देश भर से किसान यहां पर जमा हुए हैं इसलिए उनके रहने से लेकर खाने पीने का भी पूरा बंदोबस्त किया गया है।

यहां पर किसानों का हुनर भी निकलकर अब बाहर आने लगा है। आन्दोलन में शामिल होने आये दूर-दूर से किसान यहां पर अनूठी तकनीक का सहारा लेकर खाना बना रहे हैं।

करीब 200 लीटर डीजल की खपत कर वह बड़े बर्नर से एक टन चाय रोजाना बनाते हैं। नाश्ते के लिए लगभग 10 हजार ब्रेड पकोड़ों को डीजल बर्नर के माध्यम से ही बनाया जा रहा है।

कुलवंत की लंगरघर में तैनाती है। उन्होंने बताया कि प्रदर्शन में किसानों के लिए नाश्ता तैयार करने के लिए उनकी जिम्मेदारी रहती है। जब लंगर की शुरुआत हुई थी तब बड़ी संख्या में गैस सिलिंडर का इंतजाम नहीं हो सका था। यह देखते हुए नाश्ता बनाने के लिए बड़े डीजल बर्नरों को चुना गया।

कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित पेट्रोल पंप से प्रतिदिन 200 लीटर डीजल के ड्रम भरकर लाए जाते हैं, जिनसे एक दिन में करीब एक टन चाय और 10 हजार ब्रेड पकोड़े नाश्ते में बनाते हैं।

रोज 10 हजार ब्रेड पकौड़ा और एक टन चाय, पढ़ें किसान आन्दोलन से जुड़ी रोचक बातें(फोटो:सोशल मीडिया)

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डीजल की आपूर्ति टोंटी से की जाती है

कुलवंत के मुताबिक डीजल के बड़े टैंक को विभिन्न बर्नर के साथ आपसे में कनेक्ट किया गया है। इन बर्नर के बाहर दो टोटी लगाई गई हैं।

जिसमें से बूंद बूंद कर डीजल बर्नर में पहुंचता है। बर्नर में हवा देने के लिए एक पंखे को भी लगाया गया है, जिसकी तेज हवा के कारण आग की आंच कम या ज्यादा की जाती है। इससे गैस के मुकाबले कम समय में नाश्ते को तैयार कर लिया जाता है।

रोज 10 हजार ब्रेड पकौड़ा और एक टन चाय, पढ़ें किसान आन्दोलन से जुड़ी रोचक बातें(फोटो:सोशल मीडिया)

300 किलो के टैंक में रोजाना भरी जाती है चाय

ध्यान देने वाली बात ये है कि किसानों की थकान दूर करने के लिए यहां पर दिन भर चाय वितरित की जाती है। चाय को तैयार करने के बाद उसे 300 किलो के टैंक में भर दिया जाता है।

यह टैंक विशेषकर चाय के लिए तैयार किया गया है। इसके नीचे भी एक बर्नर लगाकर रखा हुआ है, जिसे गैस सिलिंडर से कनेक्ट किया गया है। बर्नर को धीमी आंच पर पूरा दिन चालू रखा जाता है, जिससे दिनभर चाय गरम होती रहती है और प्रदर्शन में शामिल लोग ठंड से बचने के लिए गरम चाय की चुस्कियां लेते हैं।

किसान आन्दोलन(फोटो: सोशल मीडिया)

40 लोग मिलकर तैयार करते हैं नाश्ता

दिल्ली बॉर्डर पर बड़ी तादाद में किसान जमा हैं। उनके लिए रोज नास्ता तैयार करना बड़ी चुनौती है। किसानों के बीच से ही 40 लोगों को चुना गया है।

जो रोज हजारों लोगों के लिए नाश्ता तैयार करते हैं। कुलवंत ने बताया कि दिन में कई ऐसे लोग भी आते हैं जो अपनी मर्जी से यहां सेवा देते हैं। इसके लिए उनके कोई भुगतान नहीं किया जाता है।

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