U'KHAND: अगले दो साल में लगेंगे 150 भूकंपमापी यंत्र, मिली मंजूरी

Update:2017-12-17 16:17 IST

देहरादून: भूकंप के नजरिए से संवेदनशील उत्तराखंड की केंद्रीय पृथ्वी मंत्रालय ने राज्य में अगले दो सालों के भीतर 150 भूकंपमापी यंत्र लगाने की मंजूरी दी है। बता दें, अब तक 30 स्थानों पर यह संयंत्र लगाए जा चुके हैं।

भूभौतिकी संस्थान, हैदराबाद की ओर से राज्य के राष्ट्रीय आपदा नियंत्रण विभाग के साथ मिलकर शहरों का माइक्रोजोनेशन जारी है। इनमें देहरादून में मसूरी व नैनीताल प्रमुख हैं।

इन जगहों पर बनेंगे सेंटर

ज्ञात हो, कि इन क्षेत्रों में भूकंप की सक्रियता वाले क्षेत्र को चिह्नित किया जाएगा। इसके अलावा भूकंप आने पर प्रतिक्रिया क्या होगी, इसका भी आकलन किया जाएगा। पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी व गोरीगंगा के समीप तोली गांव, नारायण नगर डीडीहाट, रानीखेत में कालाखेत, चमोली जिले के भराड़ीसैंण, चंपावत जिले के सुयाल खर्क व अल्मोड़ा के धौलछीना में सेंटर की स्थापना की जाएगी। उल्लेखनीय है, कि राज्य के पर्वतीय जिले भूकंप की दृष्टि से जोन-चार व पांच में आते हैं। इसका मतलब है कि यह क्षेत्र संवेदनशील व अति संवेदनशील में आते हैं।

भवनों के निर्माण तक पर होगी नजर

बताया जा रहे हैं कि इसी क्रम में राज्य में भवनों की ऊंचाई क्या हो, भवन कहां बनाए जाएं और कहां पूरी तरह पाबंदी लगाई जाए, इस पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। भूकंपमापी सयंत्रों से डाटा कलेक्शन किया जाएगा। साथ ही, प्रत्येक जिले में डीएम के जरिए स्कूलों आदि में भू वैज्ञानिकों द्वारा निरीक्षण किया जाएगा।

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