दिल्ली में केदारनाथ... उत्तराखंड तक घमासान, जानें क्या है पूरा मामला और क्यां हो रहा विवाद

Kedarnath Temple In Delhi: दिल्ली के बुराड़ी में तीन एकड़ में मंदिर का निर्माण हो रहा है, जो तीन साल में बनकर तैयार हो जाएगा। 10 जुलाई को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसका भूमिपूजन किया था। उसके बाद से ही मंदिर बनाने का विरोध हो रहा है। केदारनाथ धाम से लेकर पूरी केदार घाटी में इसे लेकर नाराजगी है।

Written By :  Ashish Kumar Pandey
Update: 2024-07-16 08:56 GMT

उत्तराखंड स्थित केदारनाथ धाम और केदारनाथ मंदिर   (फोटो: सोशल मीडिया )

Kedarnath Temple In Delhi: दिल्ली के बुराड़ी इलाके में बाबा केदार का मंदिर बनाया जा रहा है। इस मंदिर का नाम श्री केदारनाथ दिल्ली धाम मंदिर है। तीन एकड़ में बन रहा यह मंदिर तीन साल में तैयार हो जाएगा। 10 जुलाई 2024 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसका विधिवत भूमिपूजन किया था। इसका निर्माण केदारनाथ धाम ट्रस्ट मंदिर बुराड़ी करा रहा है। लेकिन पूजन के बाद से अब इसको बनाने का विरोध हो रहा है। केदारनाथ धाम से लेकर पूरी केदार घाटी में इसे लेकर लोगों में जबदस्त आक्रोश देखा जा रहा है।

केदार हिमालय में हैं तो आप दिल्ली में कैसे बना सकते हैं-शंकराचार्य

केदारनाथ धाम से जुड़े पंडित-पुरोहितों में भारी रोष है। उनका कहना है कि केदारनाथ धाम से करोड़ों हिंदुओं की आस्था जुड़ी हुई है, ऐसे में बाबा केदारनाथ का मंदिर कहीं और बनाना यह तीर्थ की मर्यादा के खिलाफ है, साथ ही धामों के प्रति लोगों की आस्था पर प्रहार भी है। वहीं शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने भी दिल्ली में बन रहे इस मंदिर का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि केदार हिमालय में हैं तो आप दिल्ली में कैसे बना सकते हैं। जब पता सबको मालूम है तो उसे क्यों बदलना चाहते हैं। लोगों को क्यों भ्रमित किया जा रहा है।


अब जानिए क्या कहना है सरकार का?

उधर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि बाबा केदार का धाम दुनिया में और कहीं नहीं बन सकता। उन्होंने बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष को जरूरी दिशा निर्देश भी दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा केदार के किसी भी नाम से कोई भी मंदिर बन जाए तो उससे धाम की महिमा पर कोई असर नहीं पड़ सकता।


दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बन रहा है, धाम नहीं

विवाद पर श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट बुराड़ी, दिल्ली के फाउंडर और अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला ने कहा, दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बन रहा है, धाम नहीं। केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट इस मंदिर का निर्माण करवा रहा है। उत्तराखंड सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। हम केदारनाथ धाम और वहां से जुड़े भक्तों की आस्था का सम्मान करते हैं।

उन्होंने कहा, दिल्ली में बाबा केदार के भक्त केवल उनका मंदिर बनवा रहे हैं, इसलिए विवाद करने से कोई फायदा नहीं है। कहा कि देशभर में माता वैष्णो देवी, बांके बिहारी के कई मंदिर हैं, लेकिन इससे आस्था पर प्रभाव नहीं पड़ता। जिसको जहां जाना होता है वह जाते हैं। केदारनाथ मंदिर दिल्ली में बनने से श्रद्धालु केदारनाथ धाम भी जाएंगे और यह मंदिर बन रहा है ना कि केदारनाथ धाम।


राजधानी दिल्ली में बन रहे इस मंदिर को समझिए

-इस मंदिर का निर्माण दिल्ली के बुराड़ी में श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट करा रहा है।

-यह मंदिर तीन एकड़ में बन रहा है।

-मंदिर को बनाने के लिए 15 करोड़ का चंदा भी प्राप्त हो चुका है।

-यह मंदिर केदारनाथ धाम की तर्ज पर बनेगा।

-करीब 3 साल में ये मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा।


मंदिर और धाम में क्या होता है अंतर-

मंदिर उसे माना जाता है जहां देवी-देवता की प्राण-प्रतिष्ठा होती है जबकि धाम में देवी और देवता का निवास होता है। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ भगवान शिव का धाम है।

-ऐसा कोई पहली बार नहीं है कि जब किसी धाम के स्वरूप में मंदिर का निर्माण किया जा रहा हो।

-2015 में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धानी ने मुंबई में बद्रीनाथ मंदिर का उद्घाटन किया था। मुंबई के वसई में ये मंदिर बना है। ये मंदिर 11 करोड़ की लागत से बना है।

-मध्य प्रदेश के इंदौर में भी बद्रीनाथ धाम की तर्ज पर मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। वहीं उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई में केदारनाथ मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव इसका निर्माण करवा रहे हैं। 20 जनवरी, 2024 को अखिलेश ने एक्स पर वीडियो शेयर कर इसकी जानकारी दी थी।


अब जानिए मंदिर बनाने का केदारनाथ में विरोध क्यों?

उत्तराखंड की 70 फीसदी आबादी चारधाम यात्रा पर ही आश्रित है। इससे उनका रोजी रोजगार जुड़ा है। ऐसे में दिल्ली में मंदिर बनने से केदारनाथ पर असर का डर है और मुख्य यही कारण है कि इसी के चलते इसका विरोध हो रहा है।



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