चमोली में लाशों का अंबार: जानें अब तक कितनों की गई जान, बचाव कार्य में कब क्या हुआ

ग्लेशियर फटने से हाइड्रो पॉवर प्रोजेकेट बांध टूट गया। इस हाइड्रो पॉवर प्रोजेकेट बांध पर काम कर रहे सैकड़ों मजदूरों के बहने का अनुमान जताया गया है। इस हादसे ने आस-पास के घरों को अपने आगोश में ले लिया। जिसके कारण इस हादसे में  काफी लोगों के मरने की आशंका जताई गई है।

Update: 2021-02-15 10:08 GMT
चमोली में लाशों का अंबार: जानें अब तक कितनो की गई जान, बचाव कार्य में कब क्या हुआ

नई दिल्लीः सात फरवरी को उत्तराखंड के जिला चमोली में ग्लेशियर फटने से बहुत बड़ी तबाही हुई थी। जिसमें ग्लेशियर फटने से हाइड्रो पॉवर प्रोजेकेट बांध टूट गया। इस हाइड्रो पॉवर प्रोजेकेट बांध पर काम कर रहे सैकड़ों मजदूरों के बहने का अनुमान जताया गया है। इस हादसे ने आस-पास के घरों को अपने आगोश में ले लिया। जिसके कारण इस हादसे में काफी लोगों के मरने की आशंका जताई गई है।

भयंकर चमोली हादसा ये 8 दिन

इस प्राकृतिक हादसा को आज 8 दिन हो गया है। लेकिन अब तक सैलाब में बहे लोगों की पुष्टि नहीं हो पायी है। कितने लोग इस तबाही के शिकार हुए है इसकी अभी भी छानबीन चल रही है। फिलहाल अभी फंसे हुए लोगों के बचाव कार्य जारी हैं। अब देखना है कि कब तक यह राहत और बचाव कार्य चलेगा।

पहला दिनः सुबह के दस बजे के करीब अचानक से ग्लेशियर फटा। जहां पर आस पास के कई घरों की बहने की आशंका जताई गई। फिर कई गांवो को खाली कराया गया। जिसमें से 115 लोगों की बहने की पुष्टि की।

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दूसरा दिनः उत्तराखंड पुलिस ने दूसरें दिन लगभग 202 लोगों के लापता होने की सूचना जारी की। वहीं 9 लोगों की शव अलग-अलग जगहों से बरामद किया गया। तपोवन सुरंग में फंसे मजदूरों के बचाव कार्य जारी हैं।

तीसरा दिनः धीरे-धीरे मरने वाले कि संख्या बढ़ने लगी। तीसरे दिन 26 लोगों की मरने की पुष्टि हुई। जिसमें से लापता लोगों की संख्या 200 के करीब पहुंच गया।

चौथा दिनः ग्लेशियर फटने से चारों तरफ तबाही का मंजर था तभी अचानक से चौथा दिन मौसम विभाग ने बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी किया। जहां पर न्यूनतम तापमान 02 डिग्री सेल्सियस के करीब रहा। जिसमें 32 लोगों कि मौत हो चुकी थी और 206 लापता लोगों की सूची जारी किया गया।

पाचंवा दिनः बचान कार्य जारी था इसी बीच 33 लोगों को जिंदा निकाला गया। जहां पर 17 मजदूरों को सुरक्षित सुरंग से निकाला गया।

छठा दिनः उत्तराखंड के हादसे का यह छठा दिन था। सुरंग में फंसे लोगों को निकाले का कार्य जारी था और वहां से मलवा को हटाया जा रहा था। जहां पर 36 शव बरामद किया गया।

सातवें दिनः आप को बता दें कि सातवें दिन 5 और लोगों की लाश बरामद किया गया। जिसमें 64 लोग लापता हैं जबकि 23 लोगों को बचा लिया गया।

आठवें दिनः आपदा के बाद तपोवन सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए चलाया गया बचाव कार्य का यह आठवें दिन है जहां पर तड़के दो मजदूरों के शव मिला। जिसमें अभी भी 30 लोग फंसे हुए हैं।

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कब-कब, क्या-क्या हुआ

आपदा के बाद से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने NDRF की कुछ और टीमें दिल्ली से एयरलिफ्ट करके उत्तराखंडा रवाना किया। इस प्राकृतिक हादसा की सूचना मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने अमित शाह कि दिया। जिसके बाद से NDRF की टीम पहुंच गई और सुंरग में फसे मजदूरों को बचाने में जुट गये। आप को बता दें इस भयानक आपदा के बाद से NDRF की टीम दिन रात से लगे हुए है।

कितने लोग अब तक हैं गायब

भयानक सैलाब ने अब तक अनगिनत लोगों की जान ले चुकी है लेकिन फिलहाल 206 लोगों की लापता होने का अनुमान लगाया गया है।जिसमें अब तक 38 लोगों के लाश बरामद किया गया हैं। इस हादसे के बाद से अब तक दो लोगों को जिंदा निकाल लिया गया है। आप को बता दें कि अब तक 166 लोग लापता हैं। फिलहाल अभी लापता लोगों की खोज जारी हैं। बीतें शुक्रवार को चमोली घाट में 11 शवों का कोई पुष्टि न होने से 72 घंटे के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया।

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इस आपदा से पहले भी हो चुकी है ऐसी बर्बादी

आप को साल 2013 केदारनाथ हादसा तो याद ही होगा जिसने पुरी दुनिया को हिला कर रखा दिया था। इस अप्राकृतिक घटना में तकरीबन दस हजार लोगों की जान गई थी।

रिपोर्ट- श्वेता पांडेय

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