चमोली त्रासदी: तपोवन टनल में भरा पानी, रेस्क्यू ऑपरेशन पर रोक, यहां जानें अपडेट
रैणी गांव से श्रीनगर तक लापता लोगों की खोज में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। इस ऑपरेशन में उत्तराखंड पुलिस के साथ एसडीआरएफ की 8 टीमें काम कर रही हैं।
चमोली: उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने से आई आपदा का आज पांचवा दिन है। सात फरवरी को चमोली में आए सैलाब के रास्ते में जो भी आया था, वो तबाह हो गया।
अब तक 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 170 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं। तपोवन टनल में करीब 35 लोगों के फंसे होने की आशंका है।
उन्हें बाहर निकालने के लिए यहां पर उत्तराखंड पुलिस के साथ एसडीआरएफ समेत कुल आठ टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं। रेस्क्यू टीमों में 600 से ज्यादा लोग लगातार मलबा निकालने में जुटे हैं।
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तपोवन टनल में भरा पानी, रेस्क्यू ऑपरेशन पर रोक
इस वक्त अलकनंदा नदी में अचानक बहाव तेज हो गया है। इसके चलते ड्रिलिंग ऑपरेशन को रोकते हुए पहले मशीनें बाहर निकाली गई, फिर रेस्क्यू टीम के लोगों को बाहर निकाल लिया गया है, हालांकि, अभी साफ नहीं है कि अचानक पानी का बहाव क्यों बढ़ गया है।
फिलहाल, रेस्क्यू ऑपरेशन को रोक दिया गया है। प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि अलकनंदा नदी का पानी ज्यादा हो गया है, इस वजह से राहत बचाव की टीम को मौके से वापस बुला लिया गया है, जैसे ही पानी कम होगा, फिर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया जाएगा।
आज दिन भर क्या कुछ हुआ
आज दोपहर दो बजे तक आईटीबीपी, सेना और एसडीआरएफ के जवान टनल से मलबा हटाने में जुटे रहे, लेकिन उन्हें अभी तक पूरी तरह से कामयाबी नहीं मिल पाई है। रेस्क्यू टीम अभी भी करीब साठ मीटर दूर हैं।
गुरुवार को रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ा एक बड़ा अपडेट ये है कि टनल में जगह बनने के बाद अब जेसीबी मशीनें नॉन स्टाप काम कर रही हैं। पहले टनल के भीतर जेसीबी मशीनों को मूव करने में दिक्कत हो रही थी। लेकिन अब इस दिक्कत को दूर कर दिया गया है।
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तपोवन टनल में पानी भरने से मच गई अफरा तफरी
तपोवन टनल में पानी भरने से अफरा तफरी मच गई। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान टनल से पानी निकलने लगा, इसके बाद जल्दी से रेस्क्यू टीम और मशीनों को बाहर निकाला गया, बैरिकेड्स लगाकर सभी कर्मचारियों को टनल से दूर किया जा रहा है।
रैणी गांव से श्रीनगर तक लापता लोगों की खोज में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। इस ऑपरेशन में उत्तराखंड पुलिस के साथ एसडीआरएफ की 8 टीमें काम कर रही हैं। ड्रोन, मोटरवोट के साथ ही डॉग स्क्वायड की को भी इस ऑपरेशन में लगाया गया है। अलकनंदा के तटों पर बायनाकुलर से भी सर्च अभियान चलाया जा रहा है।
गुरुवार सुबह में तपोवन टनल के अंदर ड्रिलिंग का काम शुरू किया गया। इस ड्रिलिंग के जरिए 12 से 13 मीटर लंबा छेद करने की कोशिश की जा रही है, जिससे मालूम पड़ सके कि अंदर कोई फंसा है या नहीं।
अब तक 32 लाशें बरामद
रेस्क्यू ऑपरेशन में सबसे बड़ी मुश्किल तपोवन की सुरंग में आ रही है, जहां अब भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। ये सुरंग अंदर तक कीचड़ से पूरी भरी हुई है, ऐसे में अंदर प्रवेश करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन रेस्क्यू करने वाली टीमें अपने मिशन को पूरा करने में जुटी हैं। 600 से अधिक जवान इस काम में दिन- रात लगे हुए हैं।
चमोली में ग्लेशियर टूटने से आई तबाही के बाद अब पूरा फोकस राहत-बचाव के काम पर है। आपदा मे 204 लोग लापता हुए थे, जिसमें से 32 लोगों के शव बरामद हुए है और 10 क्षत विक्षत मानव अंग बरामद हुए हैं। 170 से ज्यादा लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।
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