निराशाजनक स्तर पर पहुंची IAS में खाली पदों की संख्या, सुधार में लगेंगे दशकों
देशभर में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के खाली पदों की संख्या बहुत ही खराब स्तर तक पहुंच गई है। ऐसा एक संसदीय समिति का कहना है।खाली पदों की कमी को पूरा करने में दशकों का समय लग सकता है।
नई दिल्ली : देशभर में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के खाली पदों की संख्या बहुत ही खराब स्तर पर पहुंच गई है। ऐसा एक संसदीय समिति का कहना है। खाली पदों की कमी को पूरा करने में दशकों का समय लगेगा।
प्रशासन पर पड़ा बुरा असर
कार्मिक, लोक शिकायत और विधि और न्याय पर संसदीय स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, केंद्र और राज्यों में लगभग सभी प्रमुख और रणनीतिक पदों पर आईएएस अधिकारियों की तैनाती की जाती है। लगातार आईएएस अधिकारियों की कमी की वजह से देश में प्रशासन पर बुरा असर पड़ता है।
खाली पदों को भरने की सिफारिश
-समिति ने 1 जनवरी 2016 को रही 1,470 खाली पदों का हवाला देते हुए कहा कि आईएएस में स्वीकृत पदों की संख्या 6,396 है।
-संसदीय समिति ने इस पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए खाली पदों को भरने की सिफारिश की है।
-समिति ने रेखांकित किया कि उत्तराखंड के मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में 180 से ज्यादा अधिकारियों को प्रशिक्षित करने की क्षमता है।
-एलबीएसएनएए में ही आईएएस अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाता है।
रिक्तियों को भरने में लगेगा समय
-समिति ने कहा कि उन्होंने मंत्रालय की 2016-17 की वार्षिक रिपोर्ट पर अध्ययन की है।
-जिसमें समिति ने पाया साल 1951 से ही आइएएस अधिकारियों की कमी इस देश की सबसे बड़ी समस्या रही है।
-अब रिक्त पदों की संख्या खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है।
-रिक्तियों को भर्ती की मौजूदा खाली पदों को भरने में दशकों का वक्त लग जाएगा।