देश के सबसे अमीर मंदिर ने एक झटके में 1300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला

आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित देश के सबसे अमीर मंदिर भगवान वेंकेश्वर मंदिर (तिरुपति बालाजी मंदिर) ने अपने 1300 कर्माचारियों को निकाल दिया है। मंदिर प्रशासन ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन और काम बंद हो जाने का हवाला देते हुए कॉन्ट्रैक्ट को आगे बढ़ाने में असमर्थता जाहिर की है।

Update:2020-05-03 14:15 IST

नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित देश के सबसे अमीर मंदिर भगवान वेंकेश्वर मंदिर (तिरुपति बालाजी मंदिर) ने अपने 1300 कर्माचारियों को निकाल दिया है। मंदिर प्रशासन ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन और काम बंद हो जाने का हवाला देते हुए कॉन्ट्रैक्ट को आगे बढ़ाने में असमर्थता जाहिर की है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने शुक्रवार को कर्मचारियों कॉन्ट्रैकट रिन्यू न करने के फैसले का ऐलान किया। बता दें तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) मंदिर का प्रबंधन देखता है।

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मंदिर के ट्रस्ट के अध्यक्ष ने कही ये बात

इस मामले पर मंदिर के ट्रस्ट के अध्यक्ष वाई वी सुब्बा रेड्डी ने भी स्पष्ट किया कि उनकी सेवाएं बंद कर दी गई हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को मेरे संज्ञान में लाया गया है।

हम उनकी मदद करने के तरीके तलाशेंगे। रेड्डी ने आगे कहा कि लॉकडाउन की घोषणा के बाद से तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के नियमित कर्मचारियों को भी काम नहीं सौंपा गया है।

कर्मचारियों ने यहां लगाई गुहार

नौकरी से हटाए गए पीड़ित श्रमिकों ने टीटीडी प्रशासन से अपील की है सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि नौकरी से हटाए गए पीड़ित श्रमिकों ने टीटीडी प्रशासन से अपील की है कि वे कोरोनोवायरस संकट के दौरान उन्हें अपना काम जारी रखने दें।

हालांकि टीटीडी प्रशासन मौजूदा जनशक्ति आपूर्तिकर्ता के साथ अनुबंध को नवीनीकृत करने के लिए तैयार नहीं है।

ट्रेड यूनियनों द्वारा तिरूपति बालाजी मंदिर के कदम की आलोचना की उधर, ट्रेड यूनियनों द्वारा इस कदम की भारी आलोचना की गई। भारतीय व्यापार संघ (सीटू) चित्तूर जिले ( पूर्व) समिति को कहा कि स्वच्छता और रखरखाव के काम में लगाए गए अधिकांश श्रमिकों ने तीर्थयात्रियों की सेवा के लिए अपना जीवन जोखिम में डाल दिया था, लेकिन उन्हें संकट के समय दरवाजा दिखाया गया।

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Covid19 के चलते 20 मार्च से प्रसिद्ध पहाड़ी मंदिर को बंद कर दिया कोरोनोवायरस के प्रसार के जांच के उपायों के तहत गत 20 मार्च से प्रसिद्ध पहाड़ी मंदिर को बंद कर दिया गया है।

हालांकि मंदिर में दैनिक अनुष्ठान पुजारियों द्वारा किए जा रहे हैं, केवल भक्तों को मंदिर में आने की अनुमति नहीं है। बोर्ड ने पहले 3 मई तक मंदिर के बंद होने की घोषणा की थी। अब आने वाले दिनों में इस पर फैसला हो सकता है, क्योंकि केंद्र ने लॉकडाउन के दो सप्ताह के विस्तार की घोषणा कर दी है।

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