माल्या तो गया! कोर्ट ने दिया ऐसा तगड़ा झटका, अब नहीं बचेंगे
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सूचित किया कि विजय माल्या के खिलाफ केस लंबित हैं और माल्या ने मांग की है कि फैसला नहीं सुनाया जाना चाहिए क्योंकि पूनार्भुक्तान का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शराब के कारोबारी विजय माल्या को दुनिया में कहीं भी अदालत में लंबित कार्यवाही का उपयोग नहीं करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह बात उस वक्त कही जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि लंदन कोर्ट में एसबीआई के दिवालिया केस में माल्या ने सुप्रीम कोर्ट में केस लंबित होने की दलील दी है।
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बता दें कि केंद्र ने शीर्ष अदालत को सूचित किया था कि माल्या ने ब्रिटेन की अदालत में दिवालिया कार्रवाई में फैसला सुनाने से रोकने के लिए अपनी लंबित याचिका का इस्तेमाल किया था। जिसके बाद प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह आदेश पारित किया।
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सूचित किया कि विजय माल्या के खिलाफ केस लंबित हैं और माल्या ने मांग की है कि फैसला नहीं सुनाया जाना चाहिए क्योंकि पूनार्भुक्तान का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है।
तुषार ने अदालत में तर्क दिया, "विजय माल्या 2011 से पूरा भुगतान करने की बात कह रहे हैं लेकिन उन्होंने अभी तक एक भी रुपया वापस नहीं किया है।" फिलहाल मामला शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
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मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि माल्या ब्रिटेन कोर्ट की कार्यवाही में फैसला सुनाने के लिए उच्चतम न्यायालय में लंबित अपनी दलील का इस्तेमाल किया है।
माल्या ने 27 जून को शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था, उस वक्त उनके और उनके रिश्तेदारों के स्वामित्व वाली संपत्तियों को जब्त करने की मांग की गई थी। माल्या इस वक्त ब्रिटेन में हैं, उनपर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 9,000 करोड़ रुपये के बैंक ऋण पर चूक करने का आरोप लगाया है। वह यूके में एक प्रत्यर्पण परीक्षण का भी सामना कर रहे हैं।
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बता दें कि इससे पहले स्टेट बैंक के नेतृत्व में भारतीय बैंकों ने लंदन की एक अदालत से विजय माल्या की संपत्ति जब्त कराने और उसे दिवालिया घोषित कराने की मांग की थी। माल्या इन बैंकों के 9 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा लेकर ब्रिटेन भाग गया था। इसके बाद लंदन कोर्ट ने माल्या को लेकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।